215 पूरा राज्य उल्लास मनाता है
1 एक दिन, जब सम्पूर्ण विश्व परमेश्वर के पास वापस लौट जाएगा, तो सम्पूर्ण विश्व में उसके कार्य का केन्द्र परमेश्वर के कथन का अनुसरण करेगा; और कहीं, कुछ लोग फोन करेंगे, कुछ लोग विमान लेंगे, कुछ लोग समुद्र पार करने के लिए नाव लेंगे, और कुछ लोग परमेश्वर के कथनों को प्राप्त करने के लिए लेज़र का उपयोग करेंगे। हर कोई प्रेममय होगा और शोकाकुल होगा, वे सभी परमेश्वर के निकट आएँगे और परमेश्वर की ओर जमा हो जाएँगे, और सभी परमेश्वर की आराधना करेंगे—और यह सब परमेश्वर के कर्म होंगे। इस बात को स्मरण रखें! परमेश्वर और कहीं फिर से कभी भी आरम्भ नहीं करेगा। परमेश्वर इस सत्य को पूर्ण करेगा: वह सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के लोगों को अपने सामने आने देगा, और पृथ्वी पर परमेश्वर की आराधना करवाएगा, अन्य स्थानों पर उसका कार्य समाप्त हो जाएगा और लोगों को सच्चा मार्ग तलाशने के लिए मजबूर किया जाएगा।
2 सम्पूर्ण धार्मिक समुदाय गंभीर भूखमरी से पीड़ित हो रहा है और केवल परमेश्वर ही आज, मनुष्य के आनन्द के लिए हमेशा बहने वाले स्रोत को धारण किए हुए, जीवन के जल का स्रोत है, और लोग आकर उस पर निर्भर हो जाएँगे। जब सम्पूर्ण राज्य आनन्द करता है वही दिन परमेश्वर की महिमा का है, और जो कोई भी तुम लोगों के पास आता है और परमेश्वर के शुभ समाचार को स्वीकार करता है वह परमेश्वर द्वारा धन्य किया जाएगा, और ये देश तथा ये लोग परमेश्वर द्वारा धन्य किए जाएंगे और उनका देखभाल किया जाएगा। भविष्य की दिशा इस प्रकार होगीः जो लोग परमेश्वर के मुख से कथनों को प्राप्त करेंगे, उनके पास पृथ्वी पर चलने के लिए मार्ग होगा, चाहे वे व्यवसायी या वैज्ञानिक या शिक्षक और उद्योगपति हों, जो लोग परमेश्वर के वचनों के बिना हैं उनके लिए एक कदम चलना भी बहुत कठिन होगा और वे सच्चे मार्ग पर चलने के लिए मजबूर हो जाएँगे। यही "सत्य के साथ तू सम्पूर्ण संसार में चलेगा; सत्य के बिना, तू कहीं नहीं पहुँचेगा" का अर्थ है।
3 परमेश्वर के वचन असंख्य घरों में फैलेंगे, वे सबको ज्ञात हो जाएँगे और केवल इसी प्रकार से उसका कार्य सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में फैलेगा। जिसका अर्थ है कि यदि परमेश्वर के कार्य को सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में फैलाना है, तो उसके वचनों को अवश्य फैलाना चाहिए। परमेश्वर की महिमा के दिन, परमेश्वर के वचन अपनी सामर्थ्य और अधिकार प्रदर्शित करेंगे। यहाँ तक कि अतिप्राचीन काल से लेकर आज तक का उसका हर एक वचन पूरा होगा और सच निकलेगा। इस प्रकार से, पृथ्वी पर परमेश्वर की महिमा होगी—कहने का अर्थ है, कि उसके वचन पृथ्वी पर नियंत्रण करेंगे। परमेश्वर के मुँह के वचनों से सभी दुष्ट लोगों को ताड़ित किया जाएगा, और सभी धर्मी लोग उसके मुँह के वचनों से धन्य हो जाएँगे, और उसके मुँह के वचनों द्वारा स्थापित और पूर्ण किए जाएँगे। वह कोई चिह्न या चमत्कार नहीं दिखाएगा; सब कुछ उसके वचनों के द्वारा पूर्ण हो जाएगा, और उसके वचन तथ्यों को उत्पन्न करेंगे।
— "वचन देह में प्रकट होता है" में "सहस्राब्दि राज्य आ चुका है" से रूपांतरित