1 मनुष्य का पुत्र आता है धरती पर
I
पूरब से कड़कती बिजली पश्चिम तक चमकती।
मानव का पुत्र आया है धरती पर।
कर रहा कार्य चीन में, देहधारी परमेश्वर प्रकट होकर।
अंत के दिनों का मसीह, है वो सर्वशक्तिमान परमेश्वर।
सत्य को व्यक्त कर, हिला रहा हर देश को।
शुरू होता न्याय का कार्य परमेश्वर के घर से।
है अधिकार उसके वचनों में, जीतें सबके दिलों को।
आश्वस्त होकर, झुकते सामने उसके आराधना में।
बैठ चुका अपनी महिमा के सिंहासन पर सर्वशक्तिमान परमेश्वर।
मानव-पुत्र ने प्रकट होकर, कार्य किया है,
धरती के हर देश को हिलाया है।
फैलते दुनिया में ईश्वर के वचन,
राज्य के युग का तुरही-घोष,
गूँजा है पूरी दुनिया में।
II
मानव-पुत्र कलीसियाओं के मध्य बोलता-चलता है।
उसके वचन और काम हमारे बीच हैं।
परमेश्वर चरवाही करता, सींचता हमें,
पवित्र आत्मा के कार्य का आनंद लेते, ईश्वर के रूबरू हम।
दुधारी तलवार-से हैं ईश्वर के न्याय के वचन,
करें उजागर, विश्लेषण इंसान की भ्रष्टता के सच का।
न्याय और ताड़ना, हमारी भ्रष्टता,
विद्रोह का, करते शुद्धिकरण,
शैतान की शक्तियों से बचाते हमें पूरी तरह।
पाया (है) सत्य और जीवन हमने, करें स्तुति ईश्वर की हम।
मानव-पुत्र ने प्रकट होकर, कार्य किया है,
धरती के हर देश को हिलाया है।
फैलते दुनिया में ईश्वर के वचन,
राज्य के युग का तुरही-घोष,
गूँजा है पूरी दुनिया में।
III
सर्वशक्तिमान परमेश्वर सत्य व्यक्त करते,
इंसान के न्याय और शुद्धिकरण के लिये।
बनाया (है) विजेताओं का समूह चीन में उसने।
हराकर शैतान को पाई महिमा ईश्वर ने।
एक-एक करके पूरे हुए उसके वचन।
मानव-पुत्र ने प्रकट होकर, कार्य किया है,
धरती के हर देश को हिलाया है।
फैलते दुनिया में ईश्वर के वचन,
राज्य के युग का तुरही-घोष,
गूँजा है पूरी दुनिया में, गूँजा है पूरी दुनिया में।
देवदूतों की तुरही, देवदूतों के गीत,
ये सब ईश्वर की महिमा गाते।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर अनंतकाल तक
राज करेंगे धरती पर।