330 क्या अपने लिये परमेश्वर की आशाओं को महसूस किया है तुम लोगों ने?
1
परमेश्वर ने किसे जाँचा है इस असीम जगत में?
परमेश्वर के आत्मा के वचनों को निजी तौर पर सुना है किसने?
कौन है अय्यूब तुम में? कौन है पतरस तुम में?
क्यों किया है इतनी बार अय्यूब और पतरस का ज़िक्र परमेश्वर ने?
क्या समझ लिया है अपने लिये परमेश्वर की आशाओं को तुमने?
मनन पर और ज़्यादा वक्त देना चाहिये तुम्हें, देना चाहिये तुम्हें।
2
कितने ही खोजते हैं अंधेरों में। कितने ही प्रार्थना करते हैं मुश्किलों में।
कितने भूखे, ठिठुरते लोग, देखते हैं परमेश्वर को उम्मीद से।
कितनों को जकड़ा है शैतान ने।
कितने हैं जो जानते नहीं किस ओर मुड़ें।
कितने ही दग़ा करते हैं परमेश्वर से ख़ुशियों में।
कितने ही एहसानफ़रामोश हैं। कितने ही शामिल हैं शैतान की साज़िशों में।
कौन है अय्यूब तुम में? कौन है पतरस तुम में?
क्यों किया है इतनी बार अय्यूब और पतरस का ज़िक्र परमेश्वर ने?
क्या समझ लिया है अपने लिये परमेश्वर की आशाओं को तुमने?
मनन पर और ज़्यादा वक्त देना चाहिये तुम्हें, देना चाहिये तुम्हें।
कौन है अय्यूब तुम में? कौन है पतरस तुम में?
क्यों किया है इतनी बार अय्यूब और पतरस का ज़िक्र परमेश्वर ने?
क्या समझ लिया है अपने लिये परमेश्वर की आशाओं को तुमने?
मनन पर और ज़्यादा वक्त देना चाहिये तुम्हें, देना चाहिये तुम्हें।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 8 से रूपांतरित