762 तुम सच में ईश्वर से प्रेम नहीं करते

1

तुम्हें लगता है, तुमने पहले ही ईश्वर के लिए बहुत त्याग किये हैं,

उसके लिए तुम्हारा प्रेम काफ़ी है।

लेकिन तुम्हारे वचन और काम, विद्रोही और कपट भरे हैं,

क्यों तुम हमेशा से ऐसे ही हो?

तुम उसका अनुसरण करते, पर उसके वचनों को न मानते।

क्या तुम इसे ही प्रेम समझते?

तुम उसका अनुसरण करते, पर फिर उसे परे कर देते।

क्या तुम इसे ही प्रेम समझते?


तुममें ईश्वर के लिए ज़रा भी प्रेम नहीं है।

इतने सालों के काम के बाद भी ईश्वर के दिये इतने वचनों से,

तुमने असल में कितना पाया है?

क्या ये समय नहीं पीछे मुड़कर देखने का?


2

ईश्वर का अनुसरण तो करते हो, पर उस पर यकीन नहीं करते।

क्या इसे प्रेम माना जा सके?

तुम उसका अनुसरण करते, पर उसके होने को नहीं स्वीकार सकते।

क्या इसे प्रेम माना जा सके?

तुम उससे सही व्यवहार नहीं करते, तुम उसके लिए चीज़ें मुश्किल बनाते।

क्या इसे प्रेम माना जा सके? क्या तुम इसे ही प्रेम समझते?


तुममें ईश्वर के लिए ज़रा भी प्रेम नहीं है।

इतने सालों के काम के बाद भी ईश्वर के दिये इतने वचनों से,

तुमने असल में कितना पाया है?

क्या ये समय नहीं पीछे मुड़कर देखने का?


3

तुम ईश्वर का अनुसरण करते, फिर भी उसे ठगते, छलते।

तुम उसकी सेवा तो करते, पर उससे नहीं डरते।

तुम हर तरह से उसका विरोध करते।

सच है, तुमने बहुत बलिदान किया है,

पर तुमने उसके कहे अनुसार अभ्यास नहीं किया।

क्या इसे प्रेम माना जा सके?


तुममें ईश्वर के लिए ज़रा भी प्रेम नहीं है।

इतने सालों के काम के बाद भी ईश्वर के दिये इतने वचनों से,

तुमने असल में कितना पाया है?

क्या ये समय नहीं पीछे मुड़कर देखने का?

तुममें ईश्वर के लिए ज़रा भी प्रेम नहीं है।

इतने सालों के काम के बाद भी ईश्वर के दिये इतने वचनों से,

तुमने असल में कितना पाया है?

क्या ये समय नहीं पीछे मुड़कर देखने का?


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, बुलाए बहुत जाते हैं, पर चुने कुछ ही जाते हैं से रूपांतरित

पिछला: 761 क्या तुममें परमेश्वर के लिए सच्चा प्रेम है?

अगला: 763 परमेश्वर के प्रेम का असली जीवन में आनंद लेना चाहिये

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें