716 जिनके पास सत्य है सिर्फ़ वही एक वास्तविक जीवन जी सकते हैं
1 शैतान के प्रभुत्व के तहत आज की दुनिया में, हज़ारों सालों के इतिहास में, पूरी मानवजाति में से ऐसा कौन है जिसने जीवन हासिल किया है? कोई भी नहीं। इसका कारण यह है कि सभी मनुष्य परमेश्वर का विरोध करने वाले लोग हैं। मनुष्य जिस तरीके से अपना जीवन जीता आया है और अस्तित्व में रहा है, वह सब शैतान से आता है और शैतान से स्वीकृत है। यह साफ़ तौर पर परमेश्वर के वचनों के विरोध में है। इस प्रकार, वे ऐसे लोग हैं जो परमेश्वर का विरोध करते हैं और उनके शाप को भोगते हैं, उनके पास कोई उल्लेखनीय जीवन नहीं है।
2 यदि लोगों को परमेश्वर के स्वभाव की वास्तविक समझ होती है, और वे उसकी पवित्रता और धार्मिकता की हृदयस्पर्शी प्रार्थना दे सकते हैं, तब वे सच में परमेश्वर को जानते और सत्य को धारण करते हैं, और केवल तभी वे प्रकाश जीते हैं। केवल जब कोई दुनिया और जीवन के बारे में लोगों का दृष्टिकोण बदलता है, तभी वे मूल रूप से बदलते हैं। जब किसी का कोई जीवन लक्ष्य होता है और वह सत्य के अनुसार आचरण करता है, जब वह पूरी तरह से परमेश्वर के प्रति समर्पण कर देता है और परमेश्वर के वचन के अनुसार जीता है, जब वह शान्त महसूस करता है और अपनी आत्मा में गहराई से चमक उठता है, जब उसका दिल अंधकार से मुक्त होता है, और जब वह पूरी तरह से स्वतंत्र और अनियंत्रित रूप से परमेश्वर की उपस्थिति में रहता है—केवल तभी वह एक सच्चा मानव जीवन व्यतीत करता है और सत्य धारण करने वाला व्यक्ति बन जाता है।
3 जो भी सत्य तुम्हारे पास हैं वह परमेश्वर के वचन से हैं और स्वयं परमेश्वर से है। समस्त ब्रह्मांड और सभी चीज़ों का शासक—परमेश्वर जो सबसे ऊँचा है—तुम्हें वास्तविक मानव जीवन जी रहे एक वास्तविक मनुष्य के रूप में अनुमोदित करता है। परमेश्वर के अनुमोदन से अधिक सार्थक और क्या हो सकता है? ऐसा व्यक्ति वह है जिसके पास सत्य है। सिर्फ़ परमेश्वर ही सत्य है। परमेश्वर स्वर्ग, पृथ्वी और उसके अंदर मौजूद सभी चीज़ों को नियंत्रित करता है और सभी चीज़ों पर उसका प्रभुत्व है। परमेश्वर पर विश्वास नहीं करना और परमेश्वर के प्रति समर्पित नहीं होना, सत्य हो हासिल करने में असमर्थ होना है। अगर तुम परमेश्वर के वचनों के अनुसार जीवन जीते हो, तो तुम्हारे मस्तिष्क में स्पष्टता होगी और तुम सहज महसूस करोगे। साथ ही, तुम्हारे दिल की गहराइयों में अतुलनीय मिठास होगी; तब तुमने सचमुच जीवन को हासिल कर लिया होगा।
— "मसीह की बातचीतों के अभिलेख" में "मनुष्य का स्वभाव कैसे जानें" से रूपांतरित