308 कहाँ है तुम्हारा सच्चा विश्वास?
1 और न ही वे मेरे वचनों का मूल अर्थ समझते हैं और केवल उसी वजह से ऐसा है कि अभी भी, लोग मेरे वचनों के बारे में संदिग्ध हैं, और यहाँ तक कि आधे से भी कम लोगों को मेरे वचनों पर विश्वास है। शेष लोग अविश्वासी हैं, और उनसे भी अधिक वे हैं जो मुझे "कहानियाँ कहते" हुए सुनना पसंद करते हैं। इसके अलावा, कई लोग ऐसे हैं जो इसे मनोरंजन के रूप में देखते हैं। मैं तुम लोगों को सावधान करता हूँ: पहले से ही मेरे बहुत से वचन उन लोगों के लिए प्रकट कर दिए गए हैं जो मुझ पर विश्वास करते हैं, और जो लोग राज्य के सुंदर दृश्य का आनंद तो लेते हैं लेकिन उसके बंद दरवाज़ों के बाहर हैं, वे मेरे द्वारा पहले ही हटा दिए गए हैं। क्या तुम लोग सिर्फ मेरे द्वारा घृणित और अस्वीकृत अपतृण नहीं हो? तुम लोग कैसे मुझे विदाई देकर फिर खुशी से मेरी वापसी का स्वागत कर सकते हो?
2 मैं तुम लोगों से कहता हूँ, नीनवे के लोगों ने यहोवा के नाराज शब्दों को सुनने के बाद, तुरन्त टाट के वस्त्र और राख में पश्चाताप किया। चूँकि उन्होंने उसके वचनों पर विश्वास किया, इसलिए वे भय और खौफ़ से भर गए और उन्होंने तुरंत टाट और राख में पश्चाताप किया। और यद्यपि आज भी लोग मेरे वचनों पर "विश्वास करते हैं" और इससे भी ज्यादा विश्वास करते हैं कि आज यहोवा तुम लोगों के बीच एक बार फिर आ गया है, तुम लोगों का रवैया धृष्ट के अलावा और कुछ नहीं है, मानो कि तुम लोग यीशु को देख रहा हो जो हजारों साल पहले यहूदिया में पैदा हुआ और अब तुम्हारे बीच में उतर आया है।
3 मैं गहराई से उस धोखेबाजी को समझता हूँ जो तुम्हारे दिल में मौजूद है; तुम में से अधिकांश केवल जिज्ञासावश मेरा अनुसरण करते हो और अपने खालीपन के कारण मेरी खोज करते हो। जब तुम लोगों की तीसरी इच्छा—एक शांतिपूर्ण और सुखी जीवन के लिए—टूट जाती है, तो तुम लोगों की जिज्ञासा भी बिखर जाती है। तुम लोगों में से प्रत्येक के दिल के भीतर मौजूद धोखाधड़ी तुम लोगों के शब्दों और कर्मों के माध्यम से सामने आती है। स्पष्ट कहें तो, तुम लोग केवल मेरे बारे में उत्सुक हो, भयभीत नहीं; तुम लोग अपनी जीभों को काबू में नहीं रखते हो और अपने व्यवहार को तो और भी कम नियंत्रित करते हो। तो तुम लोगों का विश्वास आखिर कैसा है? क्या यह वास्तविक है?
— "वचन देह में प्रकट होता है" में "युवा और वृद्ध लोगों के प्रति वचन" से रूपांतरित