481 इंसान को परमेश्वर की राह पर कैसे चलना चाहिए
1
ईश्वर की राह पे चलना नियमों का पालन नहीं है।
ये है देखना हर चीजों को जैसे ईश्वर ने व्यवस्थित है किया,
ज़िम्मेदारी जो है तुम्हें प्रदान की गई,
तुम्हें सौंपी गयी कोई चीज़, परीक्षण दिए गए द्वारा उसके।
ईश्वर की राह पे चलते हुये, ईश्वर को नाराज़ न करो।
ईश्वर के स्वभाव का अपमान न करो।
ईश्वर की राह पे चलते हुए।
2
किसी चीज़ का सामना करो जब, होना चाहिए एक स्तर तुम्हारा,
जानकर की ये है आता ईश्वर के हाथ से। ओ...
ईश्वर की राह पे चलते हुये, ईश्वर को नाराज़ न करो।
ईश्वर के स्वभाव का अपमान न करो।
ईश्वर की राह पे चलते हुए।
ओ...
तुम्हे सोचना चाहिए कैसे इस मामले से निपटना चाहिए,
करने को पूरी ज़िम्मेदारियाँ और होने को वफ़ादार उसके प्रति, उसके प्रति।
ईश्वर की राह पे चलते हुये, ईश्वर को नाराज़ न करो।
ईश्वर के स्वभाव का अपमान न करो।
ईश्वर की राह पे चलते हुए। ईश्वर की राह पे चलते हुए। ओ...
—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, परमेश्वर का स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें से रूपांतरित