437 परमेश्वर से प्रेम करने में समर्थ होने के लिए अपना हृदय पूरी तरह उसकी ओर मोड़ो

1

जब तुम्हारे दिल के सारे प्रयास होते हैं परमेश्वर को पाने, प्रेम करने के लिए,

तो मोड़ लिया दिल ईश्वर की ओर।

नहीं सोचते तुम भविष्य या आगे के बारे में।

परमेश्वर और उसके वचन के अलावा कुछ नहीं दिल में तुम्हारे।

ईश्वर की ओर दिल मोड़ना, तरीका है,

उसे प्रेम करने, उसके स्वभाव को जानने का।


परमेश्वर से तहेदिल से जुड़ना, अपना दिल उसकी ओर मोड़ना,

है पहला कदम उसे प्रेम करने का, है पहला कदम प्रेम करने का।


2

उसके वचन खाओ-पियो, नित प्रार्थना करो,

उसकी इच्छा, कलीसिया के काम पर सोचो,

उसे प्रेम करो, उसके दिल को खुश करो,

और तुम्हारा दिल हो जायेगा उसका।

कोई अपना सच्चा दिल जब ईश्वर को देता,

तो उसके जीवन का अनुभव शुरू होता।

उसका स्वभाव बदलने लगता।

ईश्वर का ज्ञान, उसके लिए प्रेम बढ़ने लगता।


परमेश्वर से तहेदिल से जुड़ना, अपना दिल उसकी ओर मोड़ना,

है पहला कदम उसे प्रेम करने का, है पहला कदम प्रेम करने का।


3

परमेश्वर को जानने और प्रेम करने के लिए, सही पथ पर आने के लिए,

उसकी ओर दिल मोड़ने की है ज़रूरत। यही करना चाहिये तुम्हें।

लेकिन ये नहीं ईश्वर के प्रति प्रेम सच्चा, न है उसे प्रेम करने के कर्तव्य की पूर्णता।

ईश्वर की ओर दिल को मोड़ना है सबसे पहला काम,

और उसे प्रेम करने का इकलौता तरीका।


परमेश्वर से तहेदिल से जुड़ना, अपना दिल उसकी ओर मोड़ना,

है पहला कदम उसे प्रेम करने का, है पहला कदम प्रेम करने का।


4

ईश्वर से प्रेम करने वाले जीवन खोजते हैं। सत्य खोजते, ईश्वर को चाहते हैं।

वे प्रबुद्ध और प्रेरित होते हैं आत्मा द्वारा। ईश्वर उन्हें राह दिखाता है।


परमेश्वर से तहेदिल से जुड़ना, अपना दिल उसकी ओर मोड़ना,

है पहला कदम उसे प्रेम करने का, है पहला कदम प्रेम करने का।

परमेश्वर से प्रेम करना चाहो तो, अपना दिल उसकी ओर मोड़ो।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर के लिए सच्चा प्रेम स्वाभाविक है से रूपांतरित

पिछला: 436 क्या तुम्हारा दिल ईश्वर की ओर मुड़ा है?

अगला: 438 जब तुम खोलते हो अपना हृदय परमेश्वर के लिए

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें