160 उथल-पुथल भरा मार्ग मुझे और भी कृतसंकल्प बनाए

1 चीन में मसीह का अनुसरण करने वाले लोगों के लिए यह मार्ग उथल-पुथल से भरा है। मैं शहर-शहर भटकता हूँ, रहने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं मिल पाती। मैं अनगिनत खिड़कियों में रोशनी देखता हूँ, वे सभी गर्मजोशी से चमकती हैं, लेकिन मैं अपने घर नहीं लौट सकता। मैं उन राक्षसों से घृणा करता हूँ, जो मसीह को पकड़ने में अपनी ताकत लगाते हैं और उन्मत्त होकर ईसाइयों का उत्पीड़न करते हैं, जिसके कारण मैं यहाँ से वहाँ भागने पर मजबूर हूँ। हर दिन, हर पल मुझे गिरफ्तार होने, जेल में डाल दिए जाने और मार दिए जाने का खतरा रहता है। कहाँ है आजादी? कहाँ है धार्मिकता? कहाँ हैं मानवाधिकार? मैं जिस भी गली से गुजरता हूँ, कभी रुककर अपने धर्म के बारे में बोलने की हिम्मत नहीं करता; हर साँस पर पहरा है, हर कदम पर चिंता और भय साथ रहते हैं। वे सभी निगरानी-कैमरे निगरानी रखते हैं, सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी गुप्त रूप से पूछताछ करते रहते हैं और मुझे पता नहीं होता कि मैं अगले पल कहाँ रहूँगा। मैं अपने दिन शैतान की माँद में गुज़ारता हूँ; मेरा हर दिन और हर रात पीड़ा में व्यतीत होती है, और मैं और भी अधिक कामना करता हूँ कि मसीह का धार्मिक राज्य जल्दी प्रकट हो।

2 मैंने बहुत मुश्किलें, विपत्तियाँ और परीक्षण झेले हैं, फिर भी मैं अपने को बहुत भाग्यशाली समझता हूँ कि मैं मसीह का अनुसरण करने और बहुत-से सत्य समझने में सक्षम हूँ। परमेश्वर के वचनों के न्याय का अनुभव करने के बाद मैं देखता हूँ कि मैं कितनी बुरी तरह से भ्रष्ट हूँ; मैं परमेश्वर में विश्वास करने की सच्चाई समझता हूँ, मैंने वास्तविक पश्चात्ताप और परिवर्तन का अनुभव किया है, और अब मैं शांत और सुकून से हूँ। मसीह का अनुसरण करते हुए मैंने बहुत साल भाग-दौड़ में बिताए हैं, लेकिन मुझे सत्य और जीवन प्राप्त करने पर गर्व है, और मुझे कभी कोई पछतावा नहीं होगा, भले ही मुझे परमेश्वर की खातिर गिरफ्तार, कैद और शहीद होना पड़े। परमेश्वर के न्याय का अनुभव करना, शुद्ध किया जाना और उद्धार के मार्ग पर कदम रखना मेरा सबसे बड़ा आशीर्वाद है। चूँकि मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि मसीह सत्य, मार्ग और जीवन है, इसलिए मुझमें इस उथल-पुथल भरे मार्ग पर उसका अनुसरण करते हुए आगे बढ़ने का साहस है। हर बार विपत्ति और यातना सहकर, और हर पल परीक्षा और खतरों से गुज़रकर मेरा जीवन विकसित होता है। भले ही मुझे भयंकर पीड़ा सहनी पड़े या जान ही क्यों न गँवानी पड़े, मैं अंत तक परमेश्वर के प्रति निष्ठावान रहने और मजबूत व शानदार गवाही देने की कसम खाता हूँ।

पिछला: 159 धार्मिकता के लिए कष्ट उठाना

अगला: 161 ईसाइयों के हृदयों में वचन

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना सत्य के अनुसरण के बारे में I न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें