18 न्याय की तुरही बजी है

1

परमेश्वर प्रकट हुआ है, उसने बात की है,

सभी सम्प्रदायों को झकझोरते हुए।

वह सत्य बोलता है, अधर्मिता का न्याय करता है,

और अपने सभी शत्रुओं को परास्त करता है।

सभी उसकी उपासना और उसके कार्यों की सराहना करते हैं।

परमेश्वर की वापसी के स्वागत में सितारे भी कतारबद्ध हो जाते हैं।

धरती पर सारे लोग जयकार करते हैं कि

उसने राज्य को हासिल किया है, वह धरती पर आया है।


परमेश्वर के वचनों का सत्य धरती पर शासन करता है।

परमेश्वर पूर्णतः विजयी हुआ है।

उसके वचन सब कुछ पूरा करते हैं, उसका काम हो चुका है।

हम स्तुति करते हैं कि वह पवित्र और धार्मिक है।


2

हम उसकी आवाज़ का अनुकरण कर उसके सिंहासन तक जाते हैं।

हम सभी परमेश्वर के न्याय को मानते हैं,

और शुद्धिकरण से गुज़रते हैं।

प्रशंसा और विस्मय हमारे दिलों में जागते हैं।

हम अपने आप को पूरी तरह से अर्पित करते हैं

ताकि मसीह की गवाही दें, अपने उद्देश्यों को पूरा करें।

परमेश्वर अब राजा है, उसके वचन हम पर शासन करते हैं।

सभी झुकते हैं, उसके पवित्र नाम की स्तुति करते हैं।


परमेश्वर के वचनों का सत्य धरती पर शासन करता है।

परमेश्वर पूर्णतः विजयी हुआ है।

उसके वचन सब कुछ पूरा करते हैं, उसका काम हो चुका है।

हम स्तुति करते हैं कि वह पवित्र और धार्मिक है।


3

परमेश्वर प्रतापी है, परमेश्वर क्रोध है,

वह किसी भी मनुष्य के अपराध को स्वीकार नहीं करता है।

शैतान मृत्यु की पीड़ा में है,

वह लपटों के बीच से पुकारता है।

परमेश्वर दुष्टों के देश, चीन को नष्ट करता है,

इस तरह वह हमें अपनी धर्मिता दिखाता है।

उसके चयनित लोग कठिन समय में उसकी गवाही देते हैं।

परमेश्वर ने शैतान को हराया है, विजेताओं को बनाया है।


परमेश्वर के वचनों का सत्य धरती पर शासन करता है।

परमेश्वर पूर्णतः विजयी हुआ है।

उसके वचन सब कुछ पूरा करते हैं, उसका काम हो चुका है।

हम स्तुति करते हैं कि वह पवित्र और धार्मिक है।


4

परमेश्वर के वचन अब धरती के छोरों तक

फैल चुके हैं,

और उसका राज्य यहाँ है।

धर्मिता का सूर्य

सारी दुनिया को प्रकाशित करता है,

सारी चीज़ें नई हो जाती हैं।


परमेश्वर के वचनों का सत्य धरती पर शासन करता है।

परमेश्वर पूर्णतः विजयी हुआ है।

उसके वचन सब कुछ पूरा करते हैं, उसका काम हो चुका है।

हम स्तुति करते हैं कि वह पवित्र और धार्मिक है।

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