17 सिंहासन पर विराजमान है परमेश्वर
I
गुणगान करो देहधारी परमेश्वर का बोलता वचन जो अंत के दिनों में।
गाओ, राज्य के युग के साथ लौटकर आया है वो।
ईश्वर के चुने हुए जन उन्नत किये जाते सामने उसके,
नमन करते हम सब उसकी आराधना में।
महिमामय सिंहासन पर (विराजमान) है ईश्वर अब!
कितना महिमामय, (और) सुंदर है वो!
सर्वशक्तिमान परमेश्वर जो है, जो था,
राज करता है राजा की तरह धरती पर।
प्रकाशित करें अंधेरे विश्व को, हैं सच्ची रोशनी उसके वचन।
उसके आगे झुकेंगे, स्वागत करेंगे उसके आने का सभी लोग।
स्तुति-गान गूँजते आसमाँ तक, सिंहासन पर है ईश्वर।
II
देते जीवन-जल ईश्वर के वचन हमको।
उसके रूबरू होते हम, खाते-पीते ईश्वर के वचन,
आख़िरकार शामिल होते भोज में हम।
भ्रष्ट दुनिया से अलग रखता ईश्वर हमें।
दुनियावी बन्धनों से तब ख़ुद को छुड़ाते हम,
करते प्रवेश राज्य की प्रशिक्षण में हम।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर जो है, जो था,
राज करता है राजा की तरह धरती पर।
प्रकाशित करें अंधेरे विश्व को, हैं सच्ची रोशनी उसके वचन।
उसके आगे झुकेंगे, स्वागत करेंगे उसके आने का सभी लोग।
स्तुति-गान गूँजते आसमाँ तक, सिंहासन पर है ईश्वर।
III
हो चुका शुरू न्याय ईश्वर के घर में,
करे प्रकट ईश्वर की पवित्रता, धार्मिकता को।
उसके वचनों का न्याय और ताड़ना, शुद्ध करता
और बनाता नया इंसान हमें।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर पोंछता आँसू हमारे,
राज्य के जीवन का आनंद लेते हम सदा।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर जो है, जो था,
राज करता है राजा की तरह धरती पर।
प्रकाशित करें अंधेरे विश्व को, हैं सच्ची रोशनी उसके वचन।
उसके आगे झुकेंगे, स्वागत करेंगे उसके आने का सभी लोग।
स्तुति-गान गूँजते आसमाँ तक, सिंहासन पर है ईश्वर।
IV
बुद्धिमान, सर्वशक्तिमान है ईश्वर अपने काम में,
करे इस्तेमाल बड़े लाल अजगर का सेवा में।
दिखाएँ सर्वशक्तिमत्ता उसकी ईश्वर के वचन,
जीतते, बनाते विजेताओं का समूह।
राह दिखाए परमेश्वर कि हम दें गवाही मुश्किलों में।
हराया शैतान को, पाई सारी महिमा उसने।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर जो है, जो था,
राज करता है राजा की तरह धरती पर।
प्रकाशित करें अंधेरे विश्व को, हैं सच्ची रोशनी उसके वचन।
उसके आगे झुकेंगे, स्वागत करेंगे उसके आने का सभी लोग।
स्तुति-गान गूँजते आसमाँ तक, सिंहासन पर है ईश्वर।