108 परमेश्वर के कार्य के तीन चरण उसके उद्धार को पूरी तरह व्यक्त करते हैं

तीन चरणों का काम है केंद्र में ईश-योजना के।

ईश्वर के स्वरूप, स्वभाव को व्यक्त करते वे।

1

ईश-कार्य के तीन चरणों को जो नहीं जानते

नहीं जान सकते कि ईश्वर अपना स्वभाव कैसे व्यक्त करे,

न जान सकते ईश-कार्य की बुद्धि, ईश-इच्छा और कैसे बचाता वो इंसान को।

ईश-कार्य के तीन चरण ही पूरी तरह दिखा पाएँ उसका स्वभाव,

हर इंसान को बचाने की उसकी इच्छा और उद्धार की पूरी प्रक्रिया बता पायेँ।

2

उस काम को पूरा व्यक्त करें तीन चरण।

जो न जानें काम के इन तीन चरणों को

वे न समझें पवित्रात्मा के काम के अनेक सिद्धान्त और तरीके।

जो बस एक चरण के नियम से चिपके रहते वो ईश्वर को नियमों से बाँधते।

उनका विश्वास है अस्पष्ट और अनिश्चित। उन्हें ईश्वर का उद्धार कभी न मिलेगा।

ईश-कार्य के तीन चरण ही पूरी तरह दिखा पाएँ उसका स्वभाव,

हर इंसान को बचाने की उसकी इच्छा और उद्धार की पूरी प्रक्रिया बता पायेँ।

ये साबित करे ईश्वर ने प्राप्त किया इंसान को, हराया शैतान को।

ये दिखाये ईश्वर के पूरे स्वभाव को, ये उसकी विजय का प्रमाण है।

— "वचन देह में प्रकट होता है" में 'परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों को जानना ही परमेश्वर को जानने का मार्ग है' से रूपांतरित

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