109 उद्धार का संपूर्ण कार्य

1

ईश-कार्य के तीन चरण हैं

अभिलेख उसके सभी कामों के,

कि कैसे वो इंसान को उद्धार दे,

वे नहीं हैं काल्पनिक।

ईश-स्वभाव को अच्छे से जानने के लिए,

तुम्हें हरेक चरण जानना चाहिए।

ईश्वर को जानना है तो

इतना तो हासिल करना ही चाहिए।


इंसान न रच सके ईश्वर का ज्ञान,

उसके ख़याल उसे अस्तित्व में न लायें,

न पवित्रात्मा इसे किसी खास व्यक्ति को दे।

ये ज्ञान तो तब हासिल होता

जब ईश-कार्य का अनुभव किया जाता,

ये है वो ज्ञान जो तुम तभी पाते

जब खुद ईश-कार्य का अनुभव करते।


ये ज्ञान तुम यूँ ही नहीं पा सकते,

न ही ये किसी को सिखाया जा सके।

ये जुड़ा है ईश्वर के तुम्हारे अपने अनुभव से,

तुम्हारे अपने अनुभव से।


कार्य के तीन चरण हैं

इंसान को बचाने का ईश-कार्य।

इंसान को उद्धार-कार्य में ईश्वर का काम

और स्वभाव पता होना चाहिए;

इस तथ्य के बिना, ईश्वर का तुम्हारा

ज्ञान कुछ भी नहीं,

वो है बस खोखले शब्द, और खाली बातें,

वो है बस खोखले शब्द, और खाली बातें।


2

ईश्वर द्वारा इंसान को बचाना मुख्य काम है,

लेकिन इसमें हैं काम के कई तरीके,

तरीके जिनसे ईश्वर का स्वभाव व्यक्त हो।

इंसान के लिए इसे समझना है मुश्किल।

ईश-कार्य, उसके स्थान

और उसे पाने वालों में बदलाव,

और युगों का विभाजन—

सभी तीन चरणों के हिस्से हैं।


आत्मा के काम के तरीकों,

ईश-स्वभाव, छवि, नाम और प्रतिष्ठा में

बदलाव हैं काम के तीन चरणों के हिस्से,

काम के तीन चरणों के हिस्से।


कार्य के तीन चरण हैं

इंसान को बचाने का ईश-कार्य।

इंसान को उद्धार-कार्य में ईश्वर का काम

और स्वभाव पता होना चाहिए;

इस तथ्य के बिना, ईश्वर का तुम्हारा

ज्ञान कुछ भी नहीं,

वो है बस खोखले शब्द, और खाली बातें,

वो है बस खोखले शब्द, और खाली बातें।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों को जानना ही परमेश्वर को जानने का मार्ग है से रूपांतरित

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