88 परमेश्वर के प्रेम के लिए कृतज्ञ
I
परमेश्वर के प्रेम को प्रकट करते हुए,
सत्य को कौन अभिव्यक्त करता है,
ताकि मनुष्य उम्मीद रख सके?
कौन अनंत जीवन की राह को लाते हुए,
अंतिम दिनों के न्याय का कार्य करता है?
देहधारी परमेश्वर का कार्य
सारे विश्व को झकझोर देता है।
परमेश्वर के सिंहासन के सामने हम उठाए जाते हैं,
और मेमने के भोज में शामिल होते हैं।
हमारे लिए परमेश्वर का प्रेम बहुत वास्तविक है।
यह केवल उसके अनुग्रह के कारण है कि
हम उसके न्याय को हासिल कर पाते हैं।
परमेश्वर हमें जो सत्य और जीवन देता है,
उसके लिए हम आभार देते और स्तुति करते हैं।
हम सत्य की तलाश व अपने कर्तव्यों को ठीक से करेंगे,
ताकि हम परमेश्वर के प्रेम का ऋण चुका सकें।
II
परमेश्वर के वचनों का हम आनंद लेते हैं,
हमें कई सत्य मिलते हैं।
परमेश्वर के वचनों का और वे किस तरह न्याय करते हैं,
इसका अनुभव कर हम स्पष्ट देखते हैं कि मानवजाति भ्रष्ट है।
हम न्याय और परीक्षणों से गुज़रे हैं;
हमारी भ्रष्टता शुद्ध की गयी है।
हम सत्य और जीवन को हासिल करते हैं
और हम नए लोगों की तरह जीते हैं।
हमारे लिए परमेश्वर का प्रेम कितना वास्तविक है।
यह केवल उसके अनुग्रह के कारण है कि
हम उसके न्याय को हासिल कर पाते हैं।
परमेश्वर हमें जो सत्य और जीवन देता है,
उसके लिए हम आभार देते और स्तुति करते हैं।
हम सत्य की तलाश व अपने कर्तव्यों को ठीक से करेंगे,
ताकि हम परमेश्वर के प्रेम का ऋण चुका सकें।
कौन हमारे साथ चलता है,
कठिन समय में हमारी अगुआई करता है?
शैतान और बड़े लाल अजगर को वचनों के
द्वारा पराजित करने में कौन हमारा मार्गदर्शन करता है?
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचन हमें शक्ति देते हैं,
ताकि कठिन समय का हम सामना कर सकें।
परमेश्वर हमारे साथ हो तो, हम जीत सकते हैं।
III
परमेश्वर के वचन
शैतान की बेड़ियों से तोड़ निकलने में हमारी सहायता करते हैं।
और परमेश्वर के वचनों के अधिकार और उनकी अतुलनीय शक्ति का
हमने खुद अनुभव किया है।
और देखकर परमेश्वर के प्यारेपन को,
हमें उससे प्रेम करते और गवाही देते हैं।
खतरों से बेफिक्र हो,
राज्य के सुसमाचार का हम प्रसार करते हैं।
हमारे लिए परमेश्वर का प्रेम कितना वास्तविक है।
यह केवल उसके अनुग्रह के कारण है कि
हम उसके न्याय को हासिल कर पाते हैं।
परमेश्वर हमें जो सत्य और जीवन देता है,
उसके लिए हम आभार देते और स्तुति करते हैं।
हम सत्य की तलाश व अपने कर्तव्यों को ठीक से करेंगे,
ताकि हम परमेश्वर के प्रेम का ऋण चुका सकें।