89 परमेश्वर का काम सचमुच अद्भुत है
I
पर्वतों के आस-पास बादल,
तैयार नहीं वहाँ से जाने को।
परमेश्वर जो वचन बोलते
कँपाते हैं हज़ारों दिलों को,
लाते परमेश्वर के करीब हमें।
परमेश्वर जो सत्य बोलते
वो जीतते पूरी तरह से हमें,
देते प्रेम-तपन हमें।
उनके वचन बनते जीवन हमारा
करते शुद्ध हमें।
हैं सत्य और जीवन वचन परमेश्वर के।
आँधी-तूफ़ान में हमें राह दिखाते।
परमेश्वर की ख़ातिर हमारे प्रेमी-हृदय को,
दुख और इम्तहान मज़बूत करते।
परमेश्वर की प्रियता है सदा मेरे दिल में।
परमेश्वर का काम सचमुच अद्भुत है।
II
जहाज़ सफ़ेद पालों को लगाकर,
जाते हैं दूर अनुकूल हवाओं पर।
बनते हैं समझदार परमेश्वर-जन,
बनते हैं समझदार तूफ़ानों में हम।
मुश्किलों में परमेश्वर हमें राह दिखाते,
अच्छे दिन हमारे दिलों में बस जाते।
परमेश्वर के वचनों के
न्याय और दहक से,
भ्रष्टता हमारी शुद्ध होती,
सुंदर जीवन की शुरुआत होती।
राज्य में इसकी शुरुआत होती।
हम नवजीवन पाते, नये बनाये जाते,
ऊर्जावान और जीवंत बन जाते।
हम कनान की प्रचुरता का आनंद लेते हैं,
स्वर्ग की तरह ही धरती पर जीते हैं।
परमेश्वर का काम सचमुच अद्भुत है।
परमेश्वर-जन परमेश्वर के संग हैं।
परमेश्वर-जन परमेश्वर के संग हैं,
हम मधुरता में ख़ुश हैं।
परमेश्वर-जन परमेश्वर के संग हैं,
हमारी ख़ुशी का अंत नहीं है।
परमेश्वर-जन परमेश्वर के संग हैं।