666 परमेश्वर के वचनों के द्वारा परखा जाना आशीष पाना है
1 सभी लोगों को परमेश्वर के वचनों के कारण शुद्ध किया गया है। यदि देह-धारी परमेश्वर ना होता तो मानव जाति उस तरह से पीड़ित होने के लिए धन्य नहीं होती। इसे इस तरीके से भी देखा जा सकता है-वे लोग जो कि परमेश्वर के वचनों की परीक्षाओं को स्वीकार करने में सक्षम हैं, वे धन्य लोग हैं। लोगों की मूल क्षमता, उनके व्यवहार और परमेश्वर के प्रति उनकी अभिवृत्ति के आधार पर, वे इस प्रकार की शुद्धता प्राप्त करने के योग्य नहीं हैं। क्योंकि उनका उत्थान परमेश्वर द्वारा किया गया है, इसलिए उन्होंने इस आशीर्वाद का आनंद लिया है। लोग कहते थे कि वे परमेश्वर के चेहरे को देखने या उसके वचनों को सुनने के योग्य नहीं थे। आज यह पूरी तरह से परमेश्वर के उत्थान और उसकी दया के कारण है कि लोगों ने उसके वचनों की शुद्धि प्राप्त की है। यह हर एक व्यक्ति को आशीर्वाद है जो अंत के दिनों में रह रहा है—क्या तुम लोगों ने इसका व्यक्तिगत अनुभव किया है?
2 किन पहलुओं पर लोगों को पीड़ित होना चाहिए और असफलताओं का सामना करना चाहिए यह परमेश्वर द्वारा नियत किया गया है, और यह लोगों की अपनी आवश्यकताओं पर आधारित नहीं है। यह बिल्कुल सत्य है। हर आस्तिक को परमेश्वर के वचनों की परीक्षाओं से गुजरने की और उसके वचनों के भीतर पीड़ित होने की क्षमता होनी चाहिए। क्या यह ऐसा कुछ है जिसे तुम लोग स्पष्ट रूप से देख सकतेहो? तो तुम्हारेद्वारा उठायी गयी पीड़ाएं आज के आशीर्वाद के साथ बदल दी गयी हैं; अगर तुम परमेश्वर के लिए पीड़ित नहीं होतेहो, तो तुम उसकी प्रशंसा प्राप्त नहीं कर सकते हो। हो सकता है तुमने अतीत में शिकायत की हो, परन्तु तुमने चाहे कितनी ही शिकायत की हो परमेश्वर को तुम्हारे बारे में वह याद नहीं है। आज आ गया है और कल के मामलों को देखने का कोई कारण नहीं है।
— "वचन देह में प्रकट होता है" में "परमेश्वर के लिए सच्चा प्रेम स्वाभाविक है" से रूपांतरित