249 थोमा की कहानी बाद की पीढ़ियों के लिए एक चेतावनी है
1 बाइबल में दर्ज ये वचन जिन्हें प्रभु यीशु ने तब कहा था जब वह थोमा के सामने प्रकट हुआ था अनुग्रह के युग में सभी लोगों के लिए एक बड़ी सहायता हैं। थोमा के सामने उसका प्रकटन और उसके वचनों का भविष्य की पीढ़ियों के ऊपर एक गहरा प्रभाव पड़ा है, और उनका सर्वकालिक महत्व है। थोमा उस प्रकार के व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है जो परमेश्वर पर विश्वास तो करते हैं मगर उस पर सन्देह भी करते हैं। वे शंकालु प्रकृति के होते हैं, उनका कुटिल हृदय होता है, वे विश्वासघाती होते हैं, और उन चीज़ों पर विश्वास नहीं करते हैं जिन्हें परमेश्वर पूर्ण कर सकता है। वे परमेश्वर की सर्वशक्तिमत्ता और उसके शासन पर विश्वास नहीं करते हैं, और वे देहधारी परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते हैं। हालाँकि, प्रभु यीशु का पुनरूत्थान उनके चेहरों पर एक तमाचा था, और इसने उन्हें अपने स्वयं के सन्देह की खोज करने, अपने सन्देह को पहचानने, और अपने स्वयं के विश्वासघात को स्वीकार करने, फलस्वरूप प्रभु यीशु के अस्तित्व और पुनरूत्थान पर सचमुच विश्वास करने का, एक अवसर भी प्रदान किया था।
2 थोमा के साथ जो कुछ हुआ था वह बाद की पीढ़ियों के लिए एक चेतावनी और सावधानी थी ताकि अधिक-से-अधिक लोग अपने आपको सावधान कर सकें कि वे थोमा के समान सन्देह ना करें, और यदि वे सन्देह करेंगे, तो वे अंधकार में डूब जाएँगे। यदि तुम परमेश्वर का अनुसरण करते हो, किन्तु बिल्कुल थोमा के समान, यह पुष्टि करने, सत्यापित करने, और यह अंदाज़ा लगाने के लिए कि परमेश्वर का अस्तित्व है कि नहीं, तुम हमेशा प्रभु के पंजर को छूना और उसके कीलों के निशानों को महसूस करना चाहते हो, तो परमेश्वर तुम्हें छोड़ देगा। इसलिए, प्रभु यीशु लोगों से अपेक्षा करता है कि वे थोमा के समान न बनें, जो केवल उसी बात पर विश्वास करते हैं जिसे वे अपनी आँखों से देख सकते हैं, बल्कि एक शुद्ध, और ईमानदार इंसान बनें, परमेश्वर के प्रति सन्देहों को आश्रय न दें, बल्कि केवल उस पर विश्वास करें और उसका अनुसरण करें। इस प्रकार का व्यक्ति धन्य है। यह लोगों से प्रभु यीशु की एक छोटी सी अपेक्षा है, और यह उसके अनुयायियों के लिए एक चेतावनी है।
— "वचन देह में प्रकट होता है" में "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" से रूपांतरित