231 बाइबल को ठीक से समझो
1
बाइबल हज़ारों साल पुरानी है। लोग इस हद तक बाइबल को ईश्वर मानते हैं:
अंत के दिनों में इसने ईश्वर की जगह ले ली है। ईश्वर को ये बात नापसंद है।
फ़ुर्सत के वक्त, उसे बाइबल की कथा और उसका मूल समझाना पड़ा।
वरना अभी भी ये लोगों के दिलों में ईश्वर की जगह ले लेती,
वे इससे ईश्वर को आंकते, उसकी निंदा करते।
ईश्वर तुम्हें यह सच बताना चाहता है,
कोई सिद्धांत या तथ्य उसके आज के
काम और वचनों की जगह नहीं ले सकता।
कोई चीज़ ईश्वर की जगह नहीं ले सकती।
2
इंसान कभी ईश्वर के सामने नहीं आ सकता
बिना जाल तोड़े बाइबल का।
ईश्वर की जगह लेने वाली हर चीज़ दिल से मिटानी होगी।
इस तरह ईश्वर संतुष्ट होगा।
हालाँकि ईश्वर ने यहाँ सिर्फ़ बाइबल समझाई है,
मगर न भूलो ऐसी अनेक चीज़ें हैं
जिन्हें इंसान गलती से पूजता और प्यार करता है
उसे नहीं पूजता जो सचमुच ईश्वर से आता है।
ईश्वर तुम्हें यह सच बताना चाहता है,
कोई सिद्धांत या तथ्य उसके आज के
काम और वचनों की जगह नहीं ले सकता।
कोई चीज़ ईश्वर की जगह नहीं ले सकती।
3
बाइबल की मिसाल देकर याद दिलाता ईश्वर,
ईश्वर में आस्था रखते, उसके वचन स्वीकारते समय,
कहीं गलत राह न चुन ले इंसान,
फिर से उलझन या ख़राब स्थिति में न गिरे इंसान।
ईश्वर तुम्हें यह सच बताना चाहता है,
कोई सिद्धांत या तथ्य उसके आज के
काम और वचनों की जगह नहीं ले सकता।
कोई चीज़ ईश्वर की जगह नहीं ले सकती,
कोई चीज़ ईश्वर की जगह नहीं ले सकती।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, कलीसियाओं में जाकर बोले गए मसीह के वचन, परिचय से रूपांतरित