65 परमेश्वर के न्याय-कार्य का उद्देश्य

1

अभी किए जा रहे कार्य का उद्देश्य है

कि लोग अपने पूर्वज शैतान को त्याग दें।

वचन के न्याय से उनकी भ्रष्टता उजागर होती,

ताकि वे समझें जीवन का सार।

भाग्य से जुड़े ये न्याय इंसान का दिल भेद देते,

उसके दिल को जख्मी करते,

ताकि वो छोड़ दे ये चीज़ें और जान जाए जीवन को,

ईश्वर की बुद्धि और ताकत को,

और जाने मानवजाति को जिसे भ्रष्ट किया शैतान ने।


जितनी होगी ताड़ना और न्याय,

उतना ही जख्मी होगा इंसान का दिल,

और उतनी ही जागेगी उसकी आत्मा।


सबसे अधिक भ्रष्ट और धोखा खाए

लोगों की आत्मा को जगाना

इस तरह के न्याय का लक्ष्य है।


2

इंसान की आत्मा बहुत पहले मर गई थी,

वो ईश्वर या स्वर्ग के बारे में न जाने।

वो कैसे जान सके कि वो है मौत की खाई में,

धरती पर नरक में?

कैसे जान सके कि उसकी लाश भ्रष्ट होकर

गिर चुकी है मौत के पाताल में?

या ये कि इंसान ने सब इतना खराब कर दिया

कि कभी ठीक न हो सके?


कैसे जान सके इंसान कि आज

ईश्वर धरती पर आया है

उन भ्रष्ट लोगों की तलाश में जिन्हें वो बचा सके?


सबसे अधिक भ्रष्ट और धोखा खाए

लोगों की आत्मा को जगाना

इस तरह के न्याय का लक्ष्य है।


3

हर तरह से इंसान के शोधन और न्याय के बाद भी,

उसे लगभग कोई होश नहीं,

असल में तो वो बेहोश है।

इंसानियत कितनी पतित है!

भले ही ये न्याय ऐसे बरसे

जैसे गिरें आसमान से निर्दयी ओले,

पर इंसान को इससे फायदा मिले।


अगर इंसान का ऐसे न्याय न किया जाता,

तो कुछ भी हासिल न होता;

दुख की खाई से इंसान को बचाना मुमकिन न होता।


सबसे अधिक भ्रष्ट और धोखा खाए

लोगों की आत्मा को जगाना

इस तरह के न्याय का लक्ष्य है।


4

अगर ये काम न होता,

पाताल से इंसान शायद ही निकल पाता,

उसका दिल मर चुका बहुत पहले,

आत्मा कुचल दी गई शैतान द्वारा।

गहनतम गहराइयों में डूबे

तुम लोगों को बचाने का एकमात्र तरीका है

कठिन प्रयास से तुम्हारा न्याय करना और तुम्हें बुलाना।


सबसे अधिक भ्रष्ट और धोखा खाए

लोगों की आत्मा को जगाना

इस तरह के न्याय का लक्ष्य है।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, केवल पूर्ण बनाया गया मनुष्य ही सार्थक जीवन जी सकता है से रूपांतरित

पिछला: 64 विजय के कार्य का आतंरिक अर्थ

अगला: 66 अंत के दिनों में विजय-कार्य का सत्य

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना सत्य के अनुसरण के बारे में I न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें