574 अपने कर्तव्य में सत्य का अभ्यास करना ही कुंजी है

हमेशा अपना कर्तव्य निभाने से

धीरे-धीरे बदल जाता इंसान।

इस तरह वह दिखाये अपनी वफ़ादारी।

प्रक्रिया वही है।

जितना ज्यादा अपना कर्तव्य तुम कर पाओगे,

उतना ज्यादा सत्य पाओगे,

अभिव्यक्ति तुम्हारी होगी और भी सच्ची।

होगी और ज्यादा सच्ची।


1

गर अपना कर्तव्य निभाने में,

कोई काम करे बस लापरवाही से,

वो खोजे ना कभी सत्य को,

तो उसका हटाया जाना निश्चित है।

क्योंकि ऐसे लोग निभाते नहीं अपना कर्तव्य

सत्य के अभ्यास में।

ना करते वो अभ्यास सत्य का

अपना कर्तव्य पूरा करने में, पूरा करने में।


हमेशा अपना कर्तव्य निभाने से

धीरे-धीरे बदल जाता इंसान।

इस तरह वह दिखाये अपनी वफ़ादारी।

प्रक्रिया वही है।

जितना ज्यादा अपना कर्तव्य तुम कर पाओगे,

उतना ज्यादा सत्य पाओगे,

अभिव्यक्ति तुम्हारी होगी और भी सच्ची।

होगी और ज्यादा सच्ची।


2

गर अपना कर्तव्य निभाने में,

कोई काम करे बस लापरवाही से,

वो खोजे ना कभी सत्य को,

तो उसका हटाया जाना निश्चित है।


ऐसे इंसान हैं वे जो बदलें ना कभी भी;

वे शापित किए जाएँगे।

उनकी अभिव्यक्ति निर्मल नहीं,

बल्कि वो व्यक्त करते जो भी

वो दुष्टता के सिवाय कुछ नहीं।


हमेशा अपना कर्तव्य निभाने से

धीरे-धीरे बदल जाता इंसान।

इस तरह वह दिखाये अपनी वफ़ादारी।

प्रक्रिया वही है।

जितना ज्यादा अपना कर्तव्य तुम कर पाओगे,

उतना ज्यादा सत्य पाओगे,

अभिव्यक्ति तुम्हारी होगी और भी सच्ची।

होगी और ज्यादा सच्ची।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर से रूपांतरित

पिछला: 573 इंसान का फ़र्ज़ सृजित प्राणी का उद्यम है

अगला: 575 परमेश्वर का ध्यान मनुष्य के हृदय पर है

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें