528 लोग परमेश्वर के वचनों का अभ्यास ही नहीं करते

1

सारे ईश-वचन कहे जा चुके पर चले न उन पर इंसान।

मेमने के कदमों से बहुत पीछे है इंसान।

जो करना था वो अभ्यास न किया, वो प्रार्थना न की इंसान ने,

जिसका पालन करना चाहिए था न किया, कोई त्याग न किया उसने।

दावत में शरीक होना खोखला और ख़्याली है।

इंसान ने अपना फ़र्ज़ नहीं निभाया है।

सबकुछ ईश्वर के काम और वचनों पर निर्भर है;

बेकार है इंसान, ईश्वर-संग काम करने के काबिल नहीं है।

हज़ारों वचन बोले ईश्वर ने, पर इंसान ने अमल नहीं किया किसी पर।


देह-इच्छाओं का त्याग, धारणाओं का त्याग,

आज्ञाकारिता का अभ्यास, अंतर्दृष्टि पाना,

लोगों को अपने दिल में जगह न देना,

मूर्तियाँ हटाना, गलत इरादे त्यागना,

बिना जज़्बात या तरफ़दारी के काम करना,

जब वो बोले तो उसके प्रभावों और ईश-हितों पर विचार करना,

अपने हर काम में ईश्वर के घर को लाभ पहुँचाना,

ईश-कार्य के लिए ज़्यादा काम करना,

अपनी भावनाओं को हावी न होने देना,

देह की इच्छाओं और स्वार्थी अवधारणाओं को त्यागना,

इन बातों पर अमल नहीं किया इंसान ने।


2

इंसान ख़ुद से ईश्वर की अपेक्षाओं को समझे,

पर वो नहीं चाहता उन पर अमल करना।

ईश्वर और क्या करे, कैसे उसे प्रेरित करे?

किस मुँह से विद्रोही ईश-वचनों को सराहे?

किस मुँह से ईश्वर के दिये भोजन को खाये? उसका ज़मीर कहाँ है?

अधिकतम की बात क्या करें, बुनियादी फ़र्ज़ भी नहीं निभाया उसने।

क्या वो कल्पना में नहीं जी रहा?

हज़ारों वचन बोले ईश्वर ने, पर इंसान ने अमल नहीं किया किसी पर।


देह-इच्छाओं का त्याग, धारणाओं का त्याग,

आज्ञाकारिता का अभ्यास, अंतर्दृष्टि पाना,

लोगों को अपने दिल में जगह न देना,

मूर्तियाँ हटाना, गलत इरादे त्यागना,

बिना जज़्बात या तरफ़दारी के काम करना,

जब वो बोले तो उसके प्रभावों और ईश-हितों पर विचार करना,

अपने हर काम में ईश्वर के घर को लाभ पहुँचाना,

ईश-कार्य के लिए ज़्यादा काम करना,

अपनी भावनाओं को हावी न होने देना, देह की इच्छाओं और स्वार्थी

अवधारणाओं को त्यागना, इन बातों पर अमल नहीं किया इंसान ने।


अभ्यास के बिना वास्तविकता की कोई बात न हो पाए।

ये बात साफ़ है शीशे की तरह।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, वास्तविकता पर अधिक ध्यान केंद्रित करो से रूपांतरित

पिछला: 527 परमेश्वर के वचनों का सच्चा अर्थ कभी समझा नहीं गया है

अगला: 529 परमेश्वर की सहिष्णुता के कारण अपने आप में लिप्त मत हो जाओ

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2023 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें