553 परमेश्वर उनका त्याग नहीं करेगा जो निष्ठापूर्वक उसके लिए लालसा रखते हैं
यदि ये घिनौने जीव सचमुच में अपनी फिजूल खर्ची की इच्छाओं को एक तरफ रखें और परमेश्वर की ओर मुड़ जाएँ, तो अभी भी उनके पास उद्धार का अवसर है; यदि मनुष्य के पास ऐसा हृदय है जिसमें सचमुच में परमेश्वर के लिये तड़प है, तो उसे परमेश्वर के द्वारा त्यागा नहीं जायेगा। मनुष्य परमेश्वर को पाने में इसलिए असफल नहीं होता कि परमेश्वर के पास भावना है, या इसलिए कि परमेश्वर मनुष्य के द्वारा प्राप्त होना नहीं चाहता, बल्कि इसलिए कि मनुष्य परमेश्वर को पाना ही नहीं चाहता, और इसलिए क्योंकि मनुष्य परमेश्वर को तीव्रता से खोजता ही नहीं। जो सचमुच परमेश्वर को खोजता है वह परमेश्वर के द्वारा श्रापित कैसे किया जा सकता है? जो सही समझ और संवेदनशील विवेक का हो वह परमेश्वर के द्वारा कैसे श्रापित किया जा सकता है? जो सचमुच परमेश्वर की आराधना और सेवा करता है उसे परमेश्वर के कोप की आग से नष्ट कैसे किया जा सकता है? जिसे परमेश्वर की आज्ञा मानने में ख़ुशी मिलती है, उसे परमेश्वर के घर से बाहर कैसे निकाला जा सकता है? जो परमेश्वर को पर्याप्त प्रेम नहीं कर सका, वह परमेश्वर की सजा में कैसे रह सकेगा? जो परमेश्वर के लिए सबकुछ त्यागने के लिए तैयार है उसके लिए कुछ भी न बचे?
— "वचन देह में प्रकट होता है" में "एक अपरिवर्तित स्वभाव का होना परमेश्वर के साथ शत्रुता में होना है" से रूपांतरित