68 परमेश्वर के विजय-कार्य का प्रधान लक्ष्य

1

तुम सबका पतन हो चुका है अंधेरे में,

गहरी चोट खा चुके हो तुम सब।

जानो तुम सब इंसानी प्रकृति,

और जिओ सत्य को, है लक्ष्य परमेश्वर के काम का।

अंधेरे से तुम बच सको अगर,

मैली चीज़ों से ख़ुद को दूर रख सको अगर,

पवित्र तुम बन सको अगर,

हैं इसके मायने कि है सत्य तुम्हारे पास।

इंसान का शुद्धिकरण है विजय का प्रधान लक्ष्य,

ताकि सत्य धारण कर सके इंसान,

क्योंकि बहुत कम समझता है इंसान।

गहनतम मायने रखता है विजय कार्य करना इन लोगों पर।


2

ऐसा नहीं है कि बदल जाती है प्रकृति तुम्हारी,

लेकिन सत्य पर अमल कर सकते हो तुम,

मोड़ सकते हो मुँह देह से तुम।

ऐसा ही करते हैं शुद्ध हो गये हैं जो।

सत्य को धारण करने, जीने वाले ही

पूरी तरह प्राप्त हो सकते हैं परमेश्वर को।

पतरस की तरह जो जीते हैं,

वो पूर्ण बनाए जाते हैं, बाकी जीत लिये जाते हैं।

इंसान का शुद्धिकरण है विजय का प्रधान लक्ष्य,

ताकि सत्य धारण कर सके इंसान,

क्योंकि बहुत कम समझता है इंसान।

गहनतम मायने रखता है विजय कार्य करना इन लोगों पर।


3

कार्य जो होता जीते गये जनों पर

शामिल है उसमें अभिशाप, ताड़ना और रोष-प्रदर्शन।

पाते वो धार्मिकता और अभिशाप।

कार्य करने के मायने हैं इन जनों पर

उजागर करना उनके भीतर की भ्रष्टता को,

ताकि पहचानें इसे वो, और हो जाएँ पूरी तरह आश्वस्त वो।

मानव आज्ञाकारी बन जायेगा जब,

हो जाएगा विजय-कार्य का समापन तब।

भले न खोजें सत्य को ज़्यादातर लोग,

अंत हो चुका होगा विजय-कार्य का।

इंसान का शुद्धिकरण है विजय का प्रधान लक्ष्य,

ताकि सत्य धारण कर सके इंसान,

क्योंकि बहुत कम समझता है इंसान।

गहनतम मायने रखता है विजय कार्य करना इन लोगों पर।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, केवल पूर्ण बनाया गया मनुष्य ही सार्थक जीवन जी सकता है से रूपांतरित

पिछला: 67 जीत का अंतिम चरण है इंसान को बचाने के लिए

अगला: 69 विजय कार्य का सार

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना सत्य के अनुसरण के बारे में I न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें