360 क्या तुम लोग सचमुच परमेश्वर के वचनों में जीते हो?

1

पलक झपकते ही आ गया आज का दिन।

मेरे आत्मा के मार्गदर्शन में, रहता है हर इंसान मेरी रोशनी में।

कोई गुज़रे कल की सोचता नहीं।

कौन है जो न रहा वर्तमान में,

या न गुज़ारे शानदार महीने और दिन रहकर राज्य में?

कौन है जो न रहा सूरज के तले?

हालाँकि आ चुका है राज्य इंसान के बीच, कोई सच में ना जाने इसका स्नेह।

इंसान सिर्फ इसे देखता है बाहर से, वो जानता नहीं इसके सार।


क्या तुम लोग सच में मेरी रोशनी में रहते हो?

क्या तुम लोग सच में मेरे वचनों में जीते हो?

कौन अपने भविष्य पर नहीं सोचता? कौन अपने नसीब से दुखी नहीं होता?

कौन दर्द के समंदर में संघर्ष नहीं करता? आज़ादी कौन नहीं चाहता?

क्या इंसान को राज्य के आशीष उसकी मेहनत के बदले मिले हैं?

क्या पूरी हो सकती इंसान की सारी ख़्वाहिशें?


2

जब मेरा राज्य बने तो कौन आनंदित न होता?

क्या देश बच सकते हैं? क्या बड़ा लाल अजगर मक्कारी कर के बच सकता है?

मेरी आज्ञाएँ कायनात में सुनी जाती हैं, लागू होती पूरी कायनात में।

इंसानों में प्रकट होता मेरा अधिकार। फिर भी सचमुच कभी जाना नहीं इंसान ने।

प्रकट होती हैं मेरी आज्ञाएँ जब मेरा काम पूर्णता के करीब हो।

लोगों पर जब मेरा राज होगा स्वयं ईश्वर माना जाऊँगा,

तो मेरा राज्य पूर्णता से धरती पर आएगा।


क्या तुम लोग सच में मेरी रोशनी में रहते हो?

क्या तुम लोग सच में मेरे वचनों में जीते हो?

कौन अपने भविष्य पर नहीं सोचता? कौन अपने नसीब से दुखी नहीं होता?

कौन दर्द के समंदर में संघर्ष नहीं करता? आज़ादी कौन नहीं चाहता?

क्या इंसान को राज्य के आशीष उसकी मेहनत के बदले मिले हैं?

क्या पूरी हो सकती इंसान की सारी ख़्वाहिशें?


3

आज नयी राह पर शुरुआत करता हर इंसान, शुरू कर दिया उसने नया जीवन,

फिर भी सचमुच किसी ने धरती पे स्वर्ग-जैसा जीवन नहीं जिया है।


क्या तुम लोग सच में मेरी रोशनी में रहते हो?

क्या तुम लोग सच में मेरे वचनों में जीते हो?

कौन अपने भविष्य पर नहीं सोचता? कौन अपने नसीब से दुखी नहीं होता?

कौन दर्द के समंदर में संघर्ष नहीं करता? आज़ादी कौन नहीं चाहता?

क्या इंसान को राज्य के आशीष उसकी मेहनत के बदले मिले हैं?

क्या पूरी हो सकती इंसान की सारी ख़्वाहिशें?


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 25 से रूपांतरित

पिछला: 359 इंसान परमेश्वर के वचनों को दिल से ग्रहण नहीं करता

अगला: 361 मनुष्य के कामों में परमेश्वर के प्रति उसकी धोखाधड़ी व्याप्त है

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें