578 परमेश्वर के आदेश को किस ढंग से लें

तुम परमेश्वर के आदेशों को कैसे लेते हो, यह एक बहुत ही गंभीर विषय है! परमेश्वर ने जो तुम्हें सौंपा है, यदि तुम उसे पूरा नहीं कर सकते, तो तुम उसकी उपस्थिति में जीने के योग्य नहीं हो और तुम्हें दण्डित किया जाना चाहिए। यह स्वर्ग का नियम और पृथ्वी का सिद्धांत है कि मनुष्य परमेश्वर द्वारा दिये गए हर आदेश को पूरा करे; यह उसका सर्वोच्च दायित्व है, उसके जीवन जितना ही महत्वपूर्ण है। यदि तुम परमेश्वर के आदेशों को गंभीरता से नहीं लेते, तो तुम उसके साथ सबसे कष्टदायक तरीक़े से विश्वासघात कर रहे हो, और तुम यहूदा से भी अधिक शोकजनक हो और तुम्हें शाप दिया जाना चाहिए। परमेश्वर के सौंपे हुए कार्य को कैसे लिया जाए, लोगों को इसकी एक पूरी समझ पानी चाहिए, और उन्हें कम से कम यह बोध होना चाहिए कि वह मानवजाति को जो आदेश देता है वे परमेश्वर से मिले उत्कर्ष और विशेष कृपाएँ हैं, ये सबसे महिमावान बातें हैं। अन्य सब कुछ छोड़ा जा सकता है; यहाँ तक कि अगर किसी को अपना जीवन भी बलिदान करना पड़े, तो भी उसे परमेश्वर के आदेश को पूरा करना चाहिए।

—वचन, खंड 3, अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन, मनुष्य का स्वभाव कैसे जानें से रूपांतरित

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