981 परमेश्वर उम्मीद करता है कि लोग प्रकाश का मार्ग प्राप्त करेंगे

1

ईश्वर ने दीं तुम्हें कई चेतावनियाँ,

तुम्हें जीतने के लिए दिये कई सत्य।

अब तुम्हारे पास है

इंसान का सामान्य ज्ञान और सिद्धांत,

कल से ज़्यादा समृद्ध हो तुम आज।


कई सालों की आस्था से पाया तुमने ये,

ईश्वर तुम्हारी उपलब्धि न नकारे।

पर वो जाने तुम्हारे विद्रोह और विश्वासघात को,

क्योंकि तुममें कोई भी संत नहीं है।

बेशक तुम हो,

शैतान द्वारा भ्रष्ट किए गए, मसीह के शत्रु।


ईश्वर को है आशा कि तुम्हें रोशनी

के पथ पर लाया जा सके,

और तुम अपना ख्याल रख सकते।

न सोचते रहो बस अपनी मंज़िल की

अपने व्यवहार और अपराधों

की उपेक्षा करते हुए।


2

तुम्हारे भविष्य और मंज़िल के लिए,

ईश्वर अब अपने वचन दोहराएगा।

उसे आशा है कि तुम उसे समझोगे,

उसके वचनों पर विश्वास करोगे,

उनका गहन अर्थ समझोगे।


तुम्हारे भविष्य में तुम्हें कोई वो न बताएगा

जो ईश्वर तुम्हें बता रहा,

बड़ी दयालुता से बात करे वो,

या हर चीज में धैर्य से तुम्हारा मार्गदर्शन करे।

यह भविष्य तुम दर्द में रोते, अच्छे दिन

याद करते बिताओगे,

अंधेरे में बिना सत्य के कतरे के,

या इंतज़ार करोगे नाउम्मीदी में।


पछतावे में जियोगे, सारी समझ खो दोगे।

तुममें से कोई इस नतीजे से बच न सके।


ईश्वर को है आशा कि तुम्हें रोशनी

के पथ पर लाया जा सके,

और तुम अपना ख्याल रख सकते।

न सोचते रहो बस अपनी मंज़िल की

अपने व्यवहार और अपराधों

की उपेक्षा करते हुए।


3

तुममें से कोई ईश्वर की सच्ची आराधना न करे,

खुद को बुराई में तुम डुबा लेते,

तुम्हारे विश्वास, आत्मा,

प्राण और शरीर में

मिल गई हैं ऐसी कई चीज़ें जिनका

सत्य और जीवन से लेना-देना नहीं

बल्कि वे तो इनका विरोध करती हैं।


ईश्वर को है आशा कि तुम्हें रोशनी

के पथ पर लाया जा सके,

और तुम अपना ख्याल रख सकते।

न सोचते रहो बस अपनी मंज़िल की

अपने व्यवहार और अपराधों

की उपेक्षा करते हुए।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, अपराध मनुष्य को नरक में ले जाएँगे से रूपांतरित

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