524 क्या परमेश्वर के वचन सचमुच तुम्हारा जीवन बन गए हैं?

इंसान कहे वह ईश्वर को अपना जीवन बनाये,

मगर उसे अभी इसका अनुभव करना बाकी है।


1

वो सिर्फ़ कहता है, ईश्वर उसका जीवन है,

उसे हर दिन राह दिखाता है,

वो हर दिन उसके वचन पढ़े, प्रार्थना करे,

इस तरह ईश्वर उसका जीवन बन गया है।

इंसान का ज्ञान बहुत उथला है।

बहुत से लोग आधारहीन हैं; उनमें ईश-वचन रोपे गए हैं,

मगर अभी अंकुरित नहीं हुए, फल नहीं लगे हैं।

एक हद तक अनुभव कर लेने पर,

तुम्हें मजबूर किया जाए, तो भी तुम छोड़ नहीं सकते।

तुम्हें लगेगा सदा अपने अंतर में ईश्वर बिन तुम रह नहीं सकते।


2

ईश्वर बिन रहना जैसे अपना जीवन खोना। ईश्वर बिन तुम रह नहीं पाते।

इस हद तक अनुभव कर लेने पर, ईश्वर में तुम्हारा विश्वास सफल हो जाएगा।

इस तरह ईश्वर तुम्हारा जीवन बन जाएगा तुम्हारे अस्तित्व का आधार बन जाएगा,

फिर कभी ईश्वर से तुम जुदा न हो पाओगे।

इस मुकाम पर तुम सचमुच ईश-प्रेम का आनंद लोगे,

ईश्वर से तुम्हारा रिश्ता मज़बूत होगा,

ईश्वर तुम्हारा जीवन और प्रेम होगा।

यही इंसान का सच्चा कद है, यही असली जीवन है।


ईश्वर तुम्हारा जीवन है, इसका अनुभव करो,

इस तरह कि अगर ईश्वर तुम्हारे दिल से चला जाए,

तो लगे तुमने अपना जीवन गँवा दिया।

ईश्वर तुम्हारा जीवन है, उसे छोड़ न सको तुम।

इस तरह सचमुच ईश्वर का अनुभव करते हो तुम।

इस समय, जब फिर से चाहोगे ईश्वर को तुम,

तो उसे सचमुच प्रेम कर पाओगे तुम।

ये एकमात्र, निर्मल प्रेम होगा।

जब अनुभव एक हद तक पहुँचे,

जब तुम प्रार्थना करो, ईश-वचनों को खाओ-पियो,

तो तुम्हारा दिल ईश्वर को छोड़ न पाए, तुम्हारा दिल उसे भूल न पाए।


3

वो तुम्हारा जीवन बन चुका होगा।

भुला सकते हो दुनिया, जीवनसाथी, बच्चों को तुम;

मगर ईश्वर को न भुला पाओगे तुम।

यही तुम्हारा सच्चा जीवन, ईश्वर के लिए प्रेम होगा।

जब इंसान का ईश-प्रेम एक मुकाम पर पहुँच जाये,

तो उसके ईश्वर-प्रेम की तुलना किसी से न हो पाए।

इस तरह वो सबकुछ त्याग पाए,

और ईश्वर के व्यवहार को स्वीकार कर पाए।

जब ईश्वर के लिए तुम्हारा प्रेम हर चीज़ के परे चला जाए,

तब तुम वास्तविकता में जिओगे, अपने लिए ईश्वर के प्रेम में जिओगे।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर से प्रेम करने वाले लोग सदैव उसके प्रकाश के भीतर रहेंगे से रूपांतरित

पिछला: 523 परमेश्वर के वचनों का पालन करो तो तुम कभी राह से नहीं भटकोगे

अगला: 525 परमेश्‍वर की सच्‍ची आराधना करने वाला बनने का प्रयास करो

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें