525 परमेश्‍वर की सच्‍ची आराधना करने वाला बनने का प्रयास करो

1 ऐसे लोग बनने का प्रयास करना जो सच्‍चे दिल से परमेश्‍वर की आराधना करते हैं, यही हमारा दृष्टिकोण होना चाहिए। परमेश्‍वर का विरोध न करना, उसे और न चिढ़ाना, परमेश्‍वर को हमसे क्षुब्‍ध और लगातार नाराज़ न करना, उसके हृदय को सुकून देना, और ऐसे लोग बनना जो अब्राहम की तरह वास्‍तव में परमेश्‍वर की आराधना करते हैं—जीवन के प्रति हमारा यही दृष्टिकोण होना चाहिए। जब ऐसा दृष्टिकोण होगा और तुम्‍हारे मन में ऐसी सोच गहराई से जमी होगी, और जब तुम इसी के अनुसार खोज रहे होगे, तो तुम सांसारिक संपत्ति, हैसियत और प्रतिष्‍ठा के मोह-माया में कम पड़ोगे।

2 जब तुम अपनी समस्‍त कड़ी मेहनत और अनुभव इस दृष्टिकोण को प्राप्‍त करने की ओर लगाओगे, तब तुम्‍हें अहसास भी नहीं होगा और परमेश्‍वर के वचन तुम्‍हारे आंतरिक सूत्रवाक्‍य और तुम्‍हारे जीवित रहने का आधार बन जाएंगे, उसके वचन तुम्‍हारा जीवन बन जाएंगे, और तुम्‍हारे भीतर, वे जीवन में तुम्‍हारा पथ बन जाएंगे। उस क्षण में, तमाम सांसारिक वस्‍तुएँ तुम्‍हारे लिए महत्‍वपूर्ण नहीं रह जाएंगी। इस प्रकार, जीवन के प्रति हमारा दृष्टिकोण सत्य और मानवता युक्त व्‍यक्ति बनने का होना चाहिए, कोई ऐसा जिसके पास अंतरात्‍मा और विवेक हो और परमेश्‍वर की आराधना करता हो; यानी, एक सच्‍चा मानव बनना—यही सबसे उचित प्रयास है।

—वचन, खंड 3, अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन, अपना स्वभाव बदलने के लिए अभ्यास का मार्ग से रूपांतरित

पिछला: 524 क्या परमेश्वर के वचन सचमुच तुम्हारा जीवन बन गए हैं?

अगला: 526 सत्य के साथ शक्ति होती है

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें