711 अच्छा व्यवहार स्वभाव-संबंधी बदलाव के समान नहीं होता
1 जब परमेश्वर मनुष्य को बचाने के लिए कार्य करता है, यह मनुष्य को अच्छे व्यवहार का गुण देने के लिए नहीं होता—परमेश्वर का कार्य लोगों के स्वभाव को बदलने के लिए, उन्हें नए लोगों में पुनर्जीवित करने के लिए होता है। इस प्रकार, परमेश्वर का न्याय, ताड़ना, परीक्षण, और मनुष्य का परिशोधन, ये सभी उसके स्वभाव को बदलने के लिए हैं, ताकि वह परमेश्वर के प्रति पूर्ण आज्ञाकारिता और निष्ठा पा सके, और परमेश्वर की सामान्य उपासना कर सके। यही परमेश्वर के कार्य का उद्देश्य है।
2 अच्छी तरह से व्यवहार करना परमेश्वर के प्रति आज्ञा-पालन करने के समान नहीं है, और यह मसीह के अनुरूप होने के बराबर तो और भी नहीं है। व्यवहार में परिवर्तन सिद्धांत पर आधारित होते हैं, और उत्साह से पैदा होते हैं—वे परमेश्वर के सच्चे ज्ञान पर या सत्य पर आधारित नहीं होते हैं, वे पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन में आश्रित तो और भी कम होते हैं। यद्यपि ऐसे मौके होते हैं जब लोग जो भी करते हैं उसमें से कुछ पवित्र आत्मा द्वारा निर्देशित होता है, यह जीवन की अभिव्यक्ति नहीं है, और यह बात परमेश्वर को जानने के समान तो और भी नहीं है।
3 चाहे किसी व्यक्ति का व्यवहार कितना भी अच्छा हो, वह इसे साबित नहीं करता कि वे परमेश्वर के प्रति आज्ञा-पालन करते हैं, या वे सत्य का अभ्यास करते हैं। व्यावहारिक परिवर्तन क्षणिक भ्रम हैं, वे उत्साह की अभिव्यक्ति हैं, और वे जीवन की अभिव्यक्ति नहीं हैं। लोग अच्छी तरह से व्यवहार कर सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनके पास सत्य है। लोगों का उत्साह उनसे केवल सिद्धांतों का अनुसरण और नियम का पालन करवा सकता है; जो लोग सत्य से रहित हैं उनके पास मूलभूत समस्याओं का समाधान करने का कोई रास्ता नहीं होता, और सिद्धांत सत्य के स्थान पर खड़ा नहीं हो सकता।
— "मसीह की बातचीतों के अभिलेख" में "बाहरी परिवर्तन और स्वभाव में परिवर्तन के बीच अंतर" से रूपांतरित