237 परमेश्वर के पदचिह्नों का अनुसरण करने के लिए धार्मिक अवधारणाओं को त्याग दो

1

ईश्वर को अपनी आस्था में, उसके वचनों, कामों से

जानने का प्रयास करो, कोई भ्रांति न रखो।

अगर हर चीज़ से पहले, ईश्वर को जानना चाहो,

तो उसके काम को जानो। यही आधार है।


जिन भ्रांतियों में ईश-वचनों की साफ़ समझ नहीं,

वो इंसानी धारणाएँ हैं। वो भटकाव हैं, गलत हैं।


ईश्वर ने पहले जैसे चाहे काम किया हो,

उसके आज के काम की अहमियत समझो।

तब अपनी धारणाएँ छोड़ दोगे तुम; ईश्वर का आज्ञापालन कर पाओगे।

उसके काम, वचनों का आज्ञापालन, उसके पदचिह्नों पर चल पाओगे।

इस तरह तुम ईश्वर के सच्चे आज्ञाकारी बनोगे।


2

धार्मिक लोग आज के ईश-वचनों का मिलान

पहले के स्वीकृत ईश-वचनों से करते हैं।

अगर पुराने से चिपके रहकर आज के ईश्वर की सेवा करोगे,

तुम्हारी सेवा बाधा डालेगी, अभ्यास पुराना होकर रस्म बन जाएगा।


धार्मिक धारणाओं के साथ कोई,

पवित्र आत्मा के काम का अनुसरण न कर सके,

वो धीरे-धीरे पीछे छूट जाए,

क्योंकि वो चीज़ें उसे आत्मतुष्ट, अहंकारी बनाएँ।


ईश्वर ने पहले जैसे चाहे काम किया हो,

उसके आज के काम की अहमियत समझो।

तब अपनी धारणाएँ छोड़ दोगे तुम; ईश्वर का आज्ञापालन कर पाओगे।

उसके काम, वचनों का आज्ञापालन, उसके पदचिह्नों पर चल पाओगे।

इस तरह तुम ईश्वर के सच्चे आज्ञाकारी बनोगे।


3

ईश्वर पहले के वचनों, कामों को याद न करे।

अगर ईश्वर पुराने को छोड़े, तो क्या तुम अपनी धारणाएँ न छोड़ सको?

अगर तुम पुराने ईश-वचनों से चिपके रहो,

तो क्या साबित होता इससे, तुम जानो ईश-कार्य को?


अगर तुम पवित्र आत्मा की नई रोशनी को न स्वीकार सको,

अगर अतीत से चिपके रहो, तो तुम ईश-कदमों पर नहीं चल रहे।

अगर तुम ऐसा करते हो, तो ईश-विरोधी हो।


4

अगर इंसान अपनी धार्मिक धारणाएँ छोड़ सके,

तो वो अपने दिमाग से आज के ईश-वचनों, काम को नहीं मापेगा।

भले ही आज का ईश-कार्य पिछले से अलग हो,

तुम पुराने विचारों को छोड़, आज के ईश-कार्य का पालन कर सकते हो।


ईश्वर ने पहले जैसे चाहे काम किया हो,

उसके आज के काम की अहमियत समझो।

तब अपनी धारणाएँ छोड़ दोगे तुम; ईश्वर का आज्ञापालन कर पाओगे।

उसके काम, वचनों का आज्ञापालन, उसके पदचिह्नों पर चल पाओगे।

इस तरह तुम ईश्वर के सच्चे आज्ञाकारी बनोगे, आज्ञाकारी बनोगे।

उसके पदचिह्नों पर चल पाओगे।

इस तरह तुम ईश्वर के सच्चे आज्ञाकारी बनोगे।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, जो परमेश्वर के आज के कार्य को जानते हैं केवल वे ही परमेश्वर की सेवा कर सकते हैं से रूपांतरित

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