310 तुममें मसीह के प्रति अविश्वास के कई तत्व हैं
1 आज, तुम लोगों के भीतर बहुत अविश्वास बचा हुआ है। खुद के भीतर ध्यान से देखो, और तुम्हें तुम्हारा उत्तर निश्चित रूप से मिल जाएगा। जब तुम्हें वास्तविक उत्तर मिल जाएगा, तब तुम स्वीकार करोगे कि तुम परमेश्वर के विश्वासी नहीं हो, बल्कि ऐसे व्यक्ति हो जो उसे धोखा देता है, उसकी निंदा करता है और उसके साथ विश्वासघात करता है, और जो उसके प्रति निष्ठाहीन है। तब तुम्हें महसूस होगा कि मसीह कोई व्यक्ति नहीं बल्कि परमेश्वर है। जब वह दिन आएगा, तब तुम उसका आदर करोगे, उससे डरोगे और वास्तव में मसीह से प्रेम करोगे।
2 वर्तमान में, तुम सबका हृदय केवल तीस प्रतिशत ही विश्वास से भरा है, बाकि सत्तर प्रतिशत संदेह से भरा है। मसीह के द्वारा किया गया कोई भी कर्म और बोला गया कोई भी वचन तुम सबमें उसके बारे में धारणाएँ या राय बनाने का कारण बन सकता है, वे धारणाएँ और राय जो उसमें तुम सबके पूर्ण अविश्वास से उत्पन्न होती हैं। तुम सब केवल स्वर्ग के अनदेखे परमेश्वर की प्रशंसा करते हो और उसका भय मानते हो, और धरती पर जीवित मसीह के लिए तुम्हारे मन में कोई सम्मान नहीं है। क्या यह भी तुम सबका अविश्वास नहीं है? तुम सब केवल उस परमेश्वर के लिए लालायित रहते हो जिसने अतीत में कार्य किया था, किन्तु आज के मसीह का सामना तक नहीं करते हो। ये हमेशा से तुम सबके हृदय में मिश्रित "आस्था" है, वह आस्था है जो आज के मसीह पर विश्वास नहीं करती।
3 मैं तुम सबको कम करके नहीं आँकता हूँ, क्योंकि तुम सबके भीतर अत्यधिक अविश्वास है, तुममें बहुत ज्यादा अशुद्धि है और इसका विश्लेषण किया जाना चाहिए। ये अशुद्धियाँ इस बात का संकेत हैं कि तुम सबमें बिल्कुल भी विश्वास नहीं है; ये तुम सबके मसीह को त्यागने के संकेत हैं, और तुम सब पर मसीह के विश्वासघाती के रूप में कलंक हैं। वे मसीह के बारे में तुम सबके ज्ञान को ढकने वाला पर्दा हैं, मसीह द्वारा तुम सबको प्राप्त किये जाने में एक बाधा है, मसीह के साथ तुम सबकी अनुरूपता होने में एक रुकावट हैं, और सबूत हैं कि मसीह तुम सबका अनुमोदन नहीं करता। अब तुम सबके जीवन के सभी हिस्सों की जाँच करने का समय है! ऐसा करने से तुम सबको हर कल्पनीय तरीके से लाभ होगा!
— "वचन देह में प्रकट होता है" में 'क्या तुम परमेश्वर के एक सच्चे विश्वासी हो?' से रूपांतरित