277 मैंने परमेश्वर के अनुसरण का दृढ़निश्चय किया है
1
मैं शैतान के द्वारा इतनी बुरी तरह से भ्रष्ट हो चुका हूँ कि मुझमें इंसानियत नहीं बची।
परमेश्वर के वचनों से कठोरतापूर्वक जो उजागर हुई है, अपनी उस भ्रष्टता की कुरूपता को मैंने देखा है।
मैं अभिमानी हूँ और शैतानी स्वभाव से भरा हूँ, मैं वाकई परमेश्वर के सामने जीने लायक नहीं हूँ।
परमेश्वर की दया और उद्धार के बिना, आज मैं यहाँ कैसे होता?
यह परमेश्वर का न्याय ही है जिसने मुझे बचाया है, मैंने परमेश्वर के अनुसरण का दृढ़निश्चय किया है।
2
मेरी शैतानी प्रकृति बहुत गहरी है, जो मुझे अक्सर परमेश्वर के ख़िलाफ़ विद्रोह करने के लिये उकसाती है।
मैं अपने ही शरीर की कठपुतली बन गया हूँ, यह बहुत दुखद है, दयनीय है।
मैं सत्य का अभ्यास करने का संकल्प ले रहा हूँ, ताकि मैं सचमुच मुक्त हो सकूँ।
एक जीवित प्राणी के रूप में, मुझे देह के पार जाकर अपने सच्चे स्वरूप को पुन: वापस लाना चाहिये।
यह परमेश्वर का न्याय ही है जिसने मुझे बचाया है, मैंने परमेश्वर के अनुसरण का दृढ़निश्चय किया है।
3
परमेश्वर के वचन जीवन का मार्ग दिखाते हैं, अब मैं जानता हूँ इंसान कैसे बनना है।
शैतान और देह-सुख का त्याग करके, और सत्य का अभ्यास करके ही मैं थोड़ी इंसानियत पा सकता हूँ।
अपने आप को परमेश्वर के लिए खपाकर, और उसका आज्ञापालन करके मैंने उसके आशीष देख लिए हैं।
केवल परमेश्वर का हृदय ही इंसानों को सबसे अधिक प्रेम करता है, परमेश्वर इंसान की स्तुति का हकदार है।
यह परमेश्वर का न्याय ही है जिसने मुझे बचाया है, मैंने परमेश्वर के अनुसरण का दृढ़निश्चय किया है।
4
मैंने आध्यात्मिक दुनिया की लड़ाई को स्पष्ट रूप से देखा है, परमेश्वर का देहधारण वास्तव में लोगों को उजागर करता है।
मनुष्य का पुत्र इंसान को बचाने के लिए सत्य व्यक्त करता है, वह भयंकर अपमान सहता है।
मैंने देखा है कि परमेश्वर का प्यार कितना सच्चा है, मैं उसे प्यार कैसे न करूँ?
परमेश्वर के प्रेम के प्रतिदान के लिये मैं सत्य हासिल कर रहा हूँ और उसकी गवाही दे रहा हूँ।
यह परमेश्वर का न्याय ही है जिसने मुझे बचाया है, मैंने परमेश्वर के अनुसरण का दृढ़निश्चय किया है।
5
परमेश्वर के कार्य की सभी विधियाँ इंसान को शुद्ध करने और पूर्ण बनाने के लिए हैं।
मेरा भविष्य और नियति सब परमेश्वर के हाथों में है, मेरा मानना है कि वह धार्मिक है।
मुझे यकीन है कि मसीह सत्य है, मैं अंत तक परमेश्वर का आज्ञापालन करूँगा।
मैं परमेश्वर की गवाही देने के लिये अपना जीवन न्योछावर करने की प्रतिज्ञा करता हूँ, मैं उसके साथ कतई विश्वासघात नहीं करूँगा।
यह परमेश्वर का न्याय ही है जिसने मुझे बचाया है, मैंने परमेश्वर के अनुसरण का दृढ़निश्चय किया है।