918 सृष्टिकर्ता के अधिकार और पहचान का अस्तित्व साथ-साथ है

1

फ़र्क नहीं पड़ता, वे जल में हैं या आकाश में,

रहते हैं अलग-अलग रूपों में बहुत से प्राणी सृष्टिकर्ता की आज्ञा से।

होते एकत्र अपनी नस्ल या किस्म के मुताबिक उसी की आज्ञा से।

बदल नहीं सकता कभी कोई जीव इस नियम को।


2

हिम्मत नहीं करते जीव सृष्टिकर्ता की सीमाओं को लांघने की,

न ही वे ऐसा करने के काबिल हैं।

वे फैलते, जीते, बहुगुणित होते हैं, जैसा पूर्व-नियत किया उसने,

पालन करते हैं उसके जीवन-क्रम और नियमों का,

उसकी अनकही आज्ञाओं का,

करते हैं पालन आज भी उसके बनाये आदेशों-नियमों का।


न बदलेगी अनंत काल तक

उसके अधिकार की तरह, अद्वितीय पहचान सृष्टिकर्ता की।

दर्शाता रहेगा उसका अधिकार उसकी अद्वितीय पहचान को सदा।

मौजूद रहेगा उसका अधिकार उसकी पहचान के साथ अनंत काल तक।


3

प्रकट होता है अधिकार उसका न सिर्फ़ अपने कहे को पूरा करने में,

बल्कि उन पर राज करने की काबिलियत में, उन्हें जीवन और जोश देने में,

अनंत काल तक उन्हें पूर्ण आकार और भूमिका में बनाये रखने में,

प्रकट होता है ये उसके असीम विचारों में।


न बदलेगी अनंत काल तक

उसके अधिकार की तरह, अद्वितीय पहचान सृष्टिकर्ता की।

दर्शाता रहेगा उसका अधिकार उसकी अद्वितीय पहचान को सदा।

मौजूद रहेगा उसका अधिकार उसकी पहचान के साथ अनंत काल तक।

न बदलेगी अनंत काल तक

उसके अधिकार की तरह, अद्वितीय पहचान सृष्टिकर्ता की।

दर्शाता रहेगा उसका अधिकार उसकी अद्वितीय पहचान को सदा।

मौजूद रहेगा उसका अधिकार उसकी पहचान के साथ अनंत काल तक।


—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I से रूपांतरित

पिछला: 917 परमेश्वर के अधिकार से हर चीज़ जीवित रहती और नष्ट होती है

अगला: 919 परमेश्वर की सृष्टि को उसके अधिकार का पालन करना चाहिये

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें