511 ईश्वर की संतुष्टि के लिए हर चीज़ में ईश्वर की गवाही दो

हर चीज़ जो ईश्वर करता है तुम्हारे भीतर, उसमें शैतान उससे बाज़ी लगाए।

है एक जंग, हर काम के पीछे, जो ईश्वर करता तुम्हारे भीतर।

जब भी कुछ होता तुम्हारे साथ जीवन में,

उस निर्णायक पल में ईश्वर को होती तुम्हारी ज़रूरत

कि डटे रहो तुम उसके लिए अपनी गवाही में।


1

भले नहीं हुआ है कुछ बड़ा तुम्हारे साथ अब तक,

और तुमने अब तक नहीं दी है महान गवाही,

हर वो चीज जो करते हो तुम, चाहे कितनी ही छोटी हो,

जुड़ा है ईश्वर की गवाही से यह सब।

अगर तुम पा लो तारीफ आसपास वालों से, तभी तुमने दी होगी गवाही।

अगर किसी दिन आएं अविश्वासी और करें तारीफ तुम्हारे हर काम की,

देख लें ईश्वर का हर काम है महान, तब तुमने दी होगी गवाही।


हर चीज़ जो ईश्वर करता है तुम्हारे भीतर, उसमें शैतान उससे बाज़ी लगाए।

है एक जंग, हर काम के पीछे, जो ईश्वर करता तुम्हारे भीतर।

जब भी कुछ होता तुम्हारे साथ जीवन में,

उस निर्णायक पल में ईश्वर को होती तुम्हारी ज़रूरत

कि डटे रहो तुम उसके लिए अपनी गवाही में।


2

भले नहीं तुममें अंतर्दृष्टि, कम है क्षमता तुम्हारी,

ईश्वर द्वारा पूर्णता पाकर

पा सकते रास्ते उसे संतुष्ट करने के, रख सकते उसकी इच्छा ध्यान में।

दूसरे कम क्षमता वालों में उसका महान काम देखें,

जो जान जाते ईश्वर को और विजेता बन खड़े होते सामने शैतान के।

और दुनिया में दूसरा ऐसा नहीं जिसमें हो इनसे ज्यादा मजबूती,

विजेताओं के इस समूह से।

यही है सबसे बड़ी गवाही।


हर चीज़ जो ईश्वर करता है तुम्हारे भीतर, उसमें शैतान उससे बाज़ी लगाए।

है एक जंग, हर काम के पीछे, जो ईश्वर करता तुम्हारे भीतर।

जब भी कुछ होता तुम्हारे साथ जीवन में,

उस निर्णायक पल में ईश्वर को होती तुम्हारी ज़रूरत

कि डटे रहो तुम उसके लिए अपनी गवाही में।


3

चाहे तुम महान काम ना कर पाओ, फिर भी ईश्वर को संतुष्ट कर सकते हो।

तुम छोड़ सकते हो अपनी धारणाएँ, जबकि दूसरे नहीं छोड़ सकते,

दूसरे नहीं दे सकते गवाही ईश्वर की, तुम दे सकते हो,

और अपने कामों से तुम, ईश्वर का प्रेम चुका सकते हो,

सिर्फ यही माना जाता है ईश्वर से असल प्रेम।


हर चीज़ जो ईश्वर करता है तुम्हारे भीतर, उसमें शैतान उससे बाज़ी लगाए।

है एक जंग, हर काम के पीछे, जो ईश्वर करता तुम्हारे भीतर।

जब भी कुछ होता तुम्हारे साथ जीवन में,

उस निर्णायक पल में ईश्वर को होती तुम्हारी ज़रूरत

कि डटे रहो तुम उसके लिए अपनी गवाही में।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, केवल परमेश्वर से प्रेम करना ही वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करना है से रूपांतरित

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