1010 सभी लोगों के परिणाम के लिये परमेश्वर की व्यवस्था
I
न्याय के वक्त जो सारे बुरे काम करते हैं,
ऐसे लोगों को परमेश्वर दुष्ट आत्माओं से भरे स्थान के हवाले करता है।
ये आत्मायें उनके जिस्म को तबाह और बर्बाद करती हैं,
जिससे लाश की तरह वे सड़ती हैं।
यही सही सज़ा है ऐसे लोगों की।
II
विश्वासघाती झूठे विश्वासियों और प्रेरितों के,
झूठे कर्मियों के हर पाप को परमेश्वर,
दर्ज कर लेता है किताबों में।
वक्त आने पर उनके जिस्मों को परमेश्वर,
दूषित करने के लिये, उन्हें मैली आत्माओं के हवाले करता है।
न पुनर्जन्म है, न रोशनी है उनके लिये।
III
कभी सेवा में थे जो पाखंडी
रह नहीं पाते हैं वफ़ादार अंत तक मगर,
उन्हें भी दुष्टों में गिनेगा परमेश्वर।
इस तरह जल्दी ही दंगाई भीड़ का हिस्सा बनकर,
चल पड़ते हैं वे दुष्टता की राह पर।
अंत में उन्हें तबाह करेगा परमेश्वर।
IV
मसीह के प्रति जो विश्वासघाती रहे हैं,
समर्पित प्रयास नहीं किये हैं,
कोई ध्यान न देते हुए उन पर,
उन्हें दर-किनार कर देगा परमेश्वर।
युग-परिवर्तन के समय ऐसे लोगों को,
तबाह कर देगा परमेश्वर।
परमेश्वर के राज्य में प्रवेश की तो बात ही क्या,
फिर अस्तित्व भी न होगा उनका धरती पर।
Ⅴ
सच्चे नहीं हैं जो परमेश्वर के प्रति,
होकर हालात से मजबूर, उन्हें उसका सामना करना पड़ता है,
गिने जाते हैं उनमें जो करते सेवकाई परमेश्वर जनों की।
कुछ ही बचेंगे, शेष मर जाएंगे,
संग उनके जो काबिल नहीं सेवा करने के।
Ⅵ
अंत में उन सबको लायेगा अपने राज्य में परमेश्वर
जो उससे एक-मन हैं,
जो उसके पुत्र हैं, परमेश्वर जन हैं।
लाया जाएगा दूसरों को भी,
जो पादरी बनने के लिये पूर्व-नियत हैं।
यही परमेश्वर के श्रम का फल है;
जो हासिल करेगा परमेश्वर अपने काम से।
Ⅶ
शामिल नहीं हैं जो इन श्रेणियों में
गिने जायेंगे वो नास्तिकों में।
सोचो क्या तकदीर होगी उनकी!
कह दिया जो कहना चाहिये था परमेश्वर को;
तय करो किस मार्ग पर जाना तुम्हें।
(जान लो,) करता नहीं (कभी) इंतज़ार परमेश्वर का कार्य उनका,
चल नहीं सकते जो साथ उसके।
कह दिया जो कहना चाहिये था परमेश्वर को;
तय करो किस मार्ग पर जाना तुम्हें।
दिखाता नहीं किसी पर दया धार्मिक स्वभाव परमेश्वर का।
"वचन देह में प्रकट होता है" से