915 सृष्टिकर्ता के अधिकार के तहत हर चीज़ अत्युत्तम है

1

परमेश्वर ने बनायीं हैं जो सभी चीज़ें, चल-अचल सभी चीज़ें,

जैसे मछली, पक्षी, फूल और पेड़-पौधे,

पशुधन, जंगली जीव और कीड़े-मकौड़े,

परमेश्वर की नज़रों में वे भले थे,

थे परमेश्वर की नजरों में, उसकी योजना के हिसाब से

अपनी पूर्णता की चोटी पे, परमेश्वर चाहता था जो, उस दर्जे को वे पा चुके थे।

कदम-दर-कदम उसने काम किया, उसकी योजना में था जो वो सब किया।

एक एक कर प्रकट हुईं वो चीज़ें, जिन्हें बनाने का उसने इरादा किया था।

हर एक चीज़ है अभिव्यक्ति उसके अधिकार की और है उसका नतीजा।

और इसके कारण ही, सभी प्राणी हैं सृष्टिकर्ता के अनुग्रह के आभारी,

हैं सृष्टिकर्ता के अनुग्रह के आभारी।


2

जैसे जैसे स्पष्ट होने लगे, अद्भुत कर्म परमेश्वर के,

ये जहाँ, एक एक कर भर गया परमेश्वर द्वारा बनाई गयी चीज़ों से।

बदल गया ये जहाँ, अव्यवस्था से स्पष्टता में,

अंधकार से उजाले में, स्थिरता से सजीवता में,

मौत सी स्थिरता से, अनंत जीवन चेतना में।

सृष्टि की सारी चीज़ों में, सबसे बड़ी से सबसे छोटी तक,

छोटी से बहुत ही छोटी तक, नहीं थी ऐसी कोई चीज़ जो बनाई न गयी,

परमेश्वर के अधिकार से, परमेश्वर के सामर्थ्य से।

हर एक प्राणी के अस्तित्व के पीछे,

थी एक अनूठी, निहित ज़रूरत और महत्व।

चाहे हो कोई भी रूप या आकार उनका,

उसके अधिकार के तहत ही अस्तित्व है सभी का।


3

सृष्टिकर्ता के अधिकार में,

सभी प्राणी उसकी प्रभुता के लिए नई धुन बजायेंगे, बजायेंगे,

नये दिन के उसके कार्य से पर्दा उठाएंगे, उठाएंगे।

और इसी क्षण में, अपने प्रबन्धन के कार्य में, सृष्टिकर्ता खोलेगा नया पन्ना।

हाँ, सृष्टिकर्ता खोलेगा नया पन्ना।

सृष्टिकर्ता द्वारा निश्चित, बसंत के अंकुरण, गर्मी की परिपक्वता,

शरद की कटनी और सर्दी के संचय की व्यवस्था के अनुसार सभी चीज़ें,

परमेश्वर की प्रबन्धन योजना से गूंजेंगी,

अपने नये दिन का, नई शुरुआत का, नये जीवन पथक्रम का स्वागत करेंगीं।

जल्द ही पीढ़ी दर पीढ़ी प्रजनन करेंगीं,

ताकि परमेश्वर के अधिकार की प्रभुता के अधीन,

वे करें स्वागत हर नये दिन का।

सब कुछ अत्युत्तम है। सब कुछ अत्युत्तम है।


—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I से रूपांतरित

पिछला: 914 सभी चीज़ें हैं प्रकटीकरण सृष्टिकर्ता के अधिकार का

अगला: 916 सृष्टिकर्ता के अधिकार और सामर्थ्य असीमित हैं

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें