5 मनुष्य का पुत्र महिमा के साथ प्रकट हुआ है
I
परमेश्वर का प्रकटन हो चुका पहले ही,
कलीसियाओं में।
पवित्र आत्मा है वो जो बोलता है, वो प्रचण्ड आग है,
प्रतापी है, वो न्याय कर रहा है।
ये सच है, वो मनुष्य का पुत्र है,
पाँव तक वो लिबास में है,
सोने का कमरबन्द सीने तक बँधा है।
सफ़ेद सिर और बाल उसके, ऊन की तरह सफ़ेद हैं।
आँखें उसकी जलती लौ-सी हैं, पाँव भट्ठी में ताँबे-से हैं।
उसकी आवाज़ के सुर पानियों-से हैं।
हाथ में सात सितारे, मुँह में दुधारी तलवार है,
चेहरा उसका तेज़ सूरज-सा चमकता है।
प्रकट हो रहा है सर्वशक्तिमान परमेश्वर
आत्मिक देह में, न माँस है,
न कतरा है लहू का सिर से पाँव तक।
ऊँचा है सारे जहाँ से वो,
विराजमान है महिमावान सिंहासन पर,
तीसरे आसमान में ऊँचे सिंहासन से
राज करता है वो हर चीज़ पर।
II
दी गई है गवाही मनुष्य के पुत्र की,
प्रकट हुआ सबके सामने परमेश्वर।
जैसे चमकता सूरज अपने पूरे ज़ोर पर,
वैसे ही फैली है महिमा उसकी।
परमेश्वर का महिमामय चेहरा चमकता शान से,
चौंधिया देता ये आँखें सबकी।
किसी नज़र में विरोध की हिम्मत नहीं।
विरोध जो करेगा वो यकीनन मरेगा।
चाहे कोई मन से या शब्दों से इसका विरोध करे,
या दिखे विरोध उसके कामों में,
ज़रा-सी भी दया नहीं है, देखोगे तुम लोग
मिलता नहीं कुछ भी न्याय के सिवा तुम लोगों को।
प्रकट हो रहा है सर्वशक्तिमान परमेश्वर
आत्मिक देह में, न माँस है,
न कतरा है लहू का सिर से पाँव तक।
ऊँचा है सारे जहाँ से वो,
विराजमान है महिमावान सिंहासन पर,
तीसरे आसमान में ऊँचे सिंहासन से
राज करता है वो हर चीज़ पर।
III
हर चीज़ कायनात की है परमेश्वर के हाथ में।
वैसा ही होगा, जैसा बोलता परमेश्वर।
है शैतान परमेश्वर के पैरों तले, अथाह गड्ढे में!
जीत लिया दुष्टों को परमेश्वर ने।
जब निकलेगी वाणी परमेश्वर की,
तो दुनिया सारी ख़त्म हो जाएगी।
मिट जायेंगे धरती और स्वर्ग,
हर चीज़ नई हो जाएगी।
ये सच्चाई कभी बदल नहीं सकती।
जीत लिया है जगत को परमेश्वर ने।
वो यहाँ बैठकर, बातें कर रहा है तुम से।
हैं कान जिनके, उन्हें सुननी चाहिये।
वो यहाँ बैठकर, बातें कर रहा है तुम से।
ज़िंदा इंसान को परमेश्वर के वचन स्वीकारने चाहिये।
प्रकट हो रहा है सर्वशक्तिमान परमेश्वर
आत्मिक देह में, न माँस है,
न कतरा है लहू का सिर से पाँव तक।
ऊँचा है सारे जहाँ से वो,
विराजमान है महिमावान सिंहासन पर,
तीसरे आसमान में ऊँचे सिंहासन से
राज करता है वो हर चीज़ पर।
राज करता है वो हर चीज़ पर।
"वचन देह में प्रकट होता है" से