83 परमेश्वर का प्रेम

1

लोगों के इस महासागर में

किसे पता है, परमेश्वर अंतिम दिनों में देह बनता है?

वह कलीसियाओं में घूमता है, बोलता है, अपना कार्य करता है,

चुपचाप सत्य को अभिव्यक्त करते हुए।

वह विनम्र है, छिपा हुआ।

बड़े अपमानों को वह सहता है।

हे परमेश्वर, तुम देह बन जाते हो,

कई कठिनाइयों को झेलते हो, सब मानवजाति के उद्धार के लिए।

क्यों मनुष्य इन्कार करता है, क्यों तुम्हें करता है अस्वीकार?

हे परमेश्वर, तुम्हारा सत्य अनंत जीवन का मार्ग है।

तुम्हारे वचन सत्य, मार्ग और जीवन हैं।

मनुष्य के लिए वे प्रेम और आशीषें हैं।

न्याय और बड़े कष्टों से गुज़रकर, हम शुद्ध हुए हैं और असली मानव की तरह जीते हैं।

परमेश्वर का न्याय उद्धार है, और यह उसका आशीर्वाद है।

परमेश्वर मनुष्य के प्रेम और निरंतर स्तुति के योग्य है।

तुम्हारे प्रेम के लिए आभार,

तुम्हारे प्रेम के लिए आभार,

तुम्हारे प्रेम के लिए आभार, हे परमेश्वर।


2

लोगों के इस महासागर में,

हम रेत के एक कण की तरह हैं, कोई नहीं हैं हमारी परवाह करने वाला।

हम पाप में जीते थे और हमने कष्टपूर्वक संघर्ष किया,

अंधेरों में भटकते, दिशाहीन रहते हुए।

यह परमेश्वर ही था जिसने हमारी और ध्यान दिया,

और यह परमेश्वर ही था जिसने हमें उठाया।

हम अपने मर्म तक शैतान द्वारा भ्रष्ट किये गए हैं,

धूल और मैल की तरह दूषित हैं।

फिर भी परमेश्वर ने हमें त्यागा नहीं है,

बल्कि वह हमें न्याय, ताड़ना देता है और हमें शुद्ध करता है,

हमारे सुन्न हृदयों को जगाता है

उसके प्यारेपन,

उसके प्यारेपन और सुन्दरता के एक गहरे एहसास के प्रति।

न्याय और बड़े कष्टों से गुज़रकर, हम शुद्ध हुए हैं और असली मानव की तरह जीते हैं।

परमेश्वर का न्याय उद्धार है, और यह उसका आशीर्वाद है।

परमेश्वर मनुष्य के प्रेम और निरंतर स्तुति के योग्य है।

तुम्हारे प्रेम के लिए आभार,

तुम्हारे प्रेम के लिए आभार,

तुम्हारे प्रेम के लिए आभार, हे परमेश्वर।


3

परमेश्वर के वचनों के न्याय में,

मैं मनुष्यों की गहरी भ्रष्टता को देखता हूँ।

वे सभी सच्चे परमेश्वर के आगमन से इन्कार करते हैं।

वे परमेश्वर का विरोध करते हैं और सत्य से नफ़रत करते हैं।

परमेश्वर का वचन सच्चा प्रकाश है, जो काले विश्व को रोशन करता है।

हमने मानव जीवन के प्रकाश और उद्धार की आशा को देखा है।

न्याय और बड़े कष्टों से गुज़रकर, हम शुद्ध हुए हैं और असली मानव की तरह जीते हैं।

परमेश्वर का न्याय उद्धार है, और यह उसका आशीर्वाद है।

परमेश्वर मनुष्य के प्रेम और निरंतर स्तुति के योग्य है।

तुम्हारे प्रेम के लिए आभार,

तुम्हारे प्रेम के लिए आभार,

तुम्हारे प्रेम के लिए आभार, हे परमेश्वर।

पिछला: 82 मैं परमेश्वर को प्रेम करना चाहता हूँ

अगला: 84 और गहराई से प्रेम करना चाहता हूँ मैं परमेश्वर को

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना सत्य के अनुसरण के बारे में I न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें