1026 परमेश्वर हर तरह के मनुष्य के लिए उपयुक्त व्यवस्थाएं करता है

1

सभी इंसानों को ईश्वर ने बनाया है।

हर नस्ल के लोग, उसके हैं।

वे सभी आदम और हव्वा के वंशज हैं।

किसी भी किस्म के हों, वे उसके हैं।

क्योंकि वे सभी इंसान हैं,

और इंसान ईश्वर का है,

इसलिए उनकी मंज़िल होनी चाहिए,

उन नियमों के अनुसार

जो उनकी व्यवस्था करते हैं।


जो दुष्टता करते वे नष्ट किए जाएँगे।

जो धार्मिक कर्म करते वे बचे रहेंगे।

यही उचित व्यवस्था है

इन सभी प्रकार के प्राणियों के लिए।


ईश्वर कुकर्मियों को जीवित न रहने देगा।

जो उसका आज्ञापालन, अनुसरण करते

बिल्कुल अंत तक, वे ही जिएँगे।

चूँकि ईश्वर सभी इंसानों का प्रबंधन करता,

वो सबकी उचित व्यवस्था करता है,

भिन्न लोगों के भिन्न नतीजे होते हैं।


2

इंसान के लिए अंतिम व्यवस्था में ईश्वर,

परिवार, जातियाँ और राष्ट्रीय सीमाएँ तोड़ेगा,

क्योंकि सभी इंसानों का पूर्वज एक है,

और इंसान को ईश्वर ने बनाया है।

जब इंसान अपने अंतिम विश्राम में पहुँचेगा,

तब कोई परिवार, देश या जाति न होंगे।

और इस प्रकार की मानवजाति

सबसे अधिक पवित्र होगी।


ईश्वर कुकर्मियों को जीवित न रहने देगा।

जो उसका आज्ञापालन, अनुसरण करते

बिल्कुल अंत तक, वे ही जिएँगे।

चूँकि ईश्वर सभी इंसानों का प्रबंधन करता,

वो सबकी उचित व्यवस्था करता है,

भिन्न लोगों के भिन्न नतीजे होते हैं।


3

ईश-कार्य खत्म होने पर,

कुछ लोग जिएँगे, कुछ मरेंगे।

यह होकर रहेगा। इसे नकारा नहीं जा सकता।


ईश्वर कुकर्मियों को जीवित न रहने देगा।

जो उसका आज्ञापालन, अनुसरण करते

बिल्कुल अंत तक, वे ही जिएँगे।

चूँकि ईश्वर सभी इंसानों का प्रबंधन करता,

वो सबकी उचित व्यवस्था करता है,

भिन्न लोगों के भिन्न नतीजे होते हैं।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर और मनुष्य साथ-साथ विश्राम में प्रवेश करेंगे से रूपांतरित

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