417 मनुष्य की पुकार पर परमेश्वर देता है वो जिसकी उसे ज़रूरत है

1

ईश्वर ने मानव को बनाने के बाद, आत्माएँ उसने उन्हें दे दिये,

और कहा कि अगर वे न पुकारें उसे, तो वे होंगे उसके आत्मा से जुदा,

और "स्वर्ग का प्रसारण" पृथ्वी को प्राप्त न हो सकेगा।

मानवजाति के पुकारने से, ईश्वर देता है जो उन्हें ज़रूरत है।

पहले तो वह उनमें निवास नहीं करता है,

पर देता है मदद क्योंकि वे पुकारते हैं।

आंतरिक शक्ति से वे पाते हैं मजबूती

और शैतान जुर्रत नहीं करता यहाँ खेलने की अपनी इच्छानुसार।


2

जब ईश्वर मानव की आत्मा में नहीं होता है,

एक ख़ाली स्थान खुल जाता है।

शैतान प्रवेश करने का मौक़ा लेता है।

पर जब वे ईश्वर से दिल से संपर्क करते हैं,

शैतान डर जाता है और बचकर भागने लगता है।

मानवजाति के पुकारने से, ईश्वर देता है जो उन्हें ज़रूरत है।

पहले तो वह उनमें निवास नहीं करता है,

पर देता है मदद क्योंकि वे पुकारते हैं।

आंतरिक शक्ति से वे पाते हैं मजबूती

और शैतान जुर्रत नहीं करता यहाँ खेलने की अपनी इच्छानुसार।


3

यदि मानव पवित्रात्मा से जुड़ा रहे, शैतान दख़्ल की जुर्रत नहीं कर सकता।

बिन शैतान की दख़्ल अंदाज़ी के लोग जी सकते हैं सामान्य जीवन,

और ईश्वर उनके भीतर कार्य कर सकता है बिन किसी रुकावट के।

इस तरह, जो ईश्वर करना चाहता है मानव द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

मानवजाति के पुकारने से, ईश्वर देता है जो उन्हें ज़रूरत है।

पहले तो वह उनमें निवास नहीं करता है,

पर देता है मदद क्योंकि वे पुकारते हैं।

आंतरिक शक्ति से वे पाते हैं मजबूती

और शैतान जुर्रत नहीं करता यहाँ खेलने की,

खेलने की अपनी इच्छानुसार।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, “संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचनों” के रहस्यों की व्याख्या, अध्याय 17 से रूपांतरित

पिछला: 416 सच्ची प्रार्थना

अगला: 418 प्रार्थना के मायने

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें