14 पूरब में प्रकट होते अंत के दिनों के मसीह
1
प्रकट होती अंधेरी धरती पर एक महान रोशनी।
निकल चुकी है अब चमकती पूर्वी बिजली।
ये मनुष्य के पुत्र का है आगमन।
कैसे न करें इस सत्य का हम गायन?
तुम हो व्यवहारिक देहधारी परमेश्वर।
तुम लौटकर आए, हमारे अंत के दिनों के रक्षक हो!
हम ऊँचे स्वर में गायन करते तुम्हारा,
2
विजयी राजा विराजमान होता सिंहासन पर।
लौट आये हो देह में, छुटकारे को सफल कर।
परमेश्वर के घर से न्याय शुरू होता है।
अंत के दिनों का न्याय अब शुरू हो चुका।
तुम उद्धार लाने के लिए सत्य व्यक्त करते हो; तुम्हारे सभी जन तुम्हारे सिंहासन की ओर लौट आए हैं!
राज्य आ गया है धरती पर।
3
हे देहधारी, व्यवहारिक परमेश्वर,
तुम वचन बोलते, कलीसिया में आते।
है प्रेम तुम्हारा साथ हमारे।
अपने जनों को सींचते, विजेता बनाते!
तुम्हारे जन बारीकी से तुम्हारे पदचिह्नों का अनुसरण करते हैं, अपना सारा जीवन वफादारी से तुम्हारे लिए खपाते हैं।
राज्य का सुसमाचार पूरी धरती पर फैल गया है!
4
अंत के दिनों का मसीह विजयी हुआ।
बहुत शर्मिंदा है शैतान, बड़ा लाल अजगर।
परमेश्वर के जन उसके वचन खाते और पीते हैं, सत्य समझते हैं, और उसकी विजय की गवाही देते हैं।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तुमने शैतान को हराया!
सर्वशक्तिमान परमेश्वर, पायी महिमा तुमने!
हो चुका है पूरा महान कार्य तुम्हारा।
5
सब तुम्हारे पवित्र नाम की स्तुति करते।
पूरब से पश्चिम तक गूँजता ये;
सूरज हो तुम चमकते।
राज्य को हासिल कर, आये हो तुम धरती पे।
उतर आया मसीह का राज्य धरती पर।
सर्वशक्तिमान परमेश्वर हम नाचें-गायें तुम्हारे लिये।
सब-कुछ हासिल करते वचन तुम्हारे!