614 तुम लोगों का प्रवेश ही तुम लोगों का काम है
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ईश्वर के लिए भाग-दौड़ करना काम नहीं,
काम है उसे खुश करने वाला जीवन जीना,
अपनी वफादारी और ईश-ज्ञान से
गवाही देना और दूसरों की मदद करना।
ये सभी लोगों का कर्तव्य है,
ये बात सभी को समझनी चाहिए।
कई लोग ईश्वर के लिए भागने,
उपदेश देने में अपना समय बिताते हैं।
अपने अनुभव और आध्यात्मिक
प्रवेश को नज़रअंदाज़ करते हैं।
इसी कारण ईश्वर की सेवा करने वाले
बन जाते हैं उसका विरोध करने वाले।
तुम लोगों का प्रवेश है काम तुम लोगों का।
ईश्वर के लिए काम करते हुए प्रवेश करो।
ईश-कार्य का अनुभव करना
सिर्फ उसके वचन खाना-पीना नहीं।
तुम्हें आना चाहिए ईश्वर की गवाही देना,
उसकी सेवा करना,
और दूसरों की सेवकाई करना।
ये है तुम लोगों का प्रवेश, तुम्हारा काम।
हर इंसान को इसे हासिल करना चाहिए।
2
व्यक्ति काम करे ईश्वर की इच्छा पूरी करने,
ईश्वर के दिल के अनुरूप लोगों को उसके पास लाने,
इंसान को ईश-कार्य और मार्गदर्शन से
परिचित कराने के लिए,
ताकि ईश-कार्य के फल पूर्ण किए जा सकें।
इसलिए जरूरी है काम के सार पर
स्पष्ट होना और उसे समझना।
जो इस्तेमाल किए जाते ईश्वर द्वारा,
ईश्वर के लिए काम करने के पात्र हैं,
उन सभी के पास है मौका
पवित्र आत्मा द्वारा इस्तेमाल किए जाने का।
तुम लोगों का प्रवेश है काम तुम लोगों का।
ईश्वर के लिए काम करते हुए प्रवेश करो।
ईश-कार्य का अनुभव करना
सिर्फ उसके वचन खाना-पीना नहीं।
तुम्हें आना चाहिए ईश्वर की गवाही देना,
उसकी सेवा करना,
और दूसरों की सेवकाई करना।
ये है तुम लोगों का प्रवेश, तुम्हारा काम।
हर इंसान को इसे हासिल करना चाहिए।
ईश्वर द्वारा सौंपे गए काम को करना,
है मौका उसके द्वारा इस्तेमाल किए जाने का।
लेकिन इंसान जो कहे और जाने
वो उसके आध्यात्मिक कद से मेल न खाए।
तुम बस इतना कर सकते
कि बेहतर ढंग से जानो अपनी खामियाँ,
और पवित्र आत्मा द्वारा अधिक प्रबुद्ध बनो।
इस तरह अपने काम के जरिये
बेहतर प्रवेश पाओगे तुम।
तुम लोगों का प्रवेश ही तुम लोगों का काम है।
तुम लोगों का प्रवेश ही तुम लोगों का काम है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, कार्य और प्रवेश (2) से रूपांतरित