183 परमेश्वर के महिमा दिवस को देखना मेरी अभिलाषा है

1

आज मैं परमेश्वर के न्याय और शुद्धिकरण को स्वीकारता हूँ, कल मैं उसके आशीष पाऊँगा।

परमेश्वर के महिमा दिवस को देखने के लिये मैं अपनी जवानी को त्यागने और अपना जीवन अर्पित करने के लिए तैयार हूँ।

परमेश्वर के प्रेम ने मेरे हृदय को मोह लिया है।

वह कार्य करता और सत्य व्यक्त करता है, इंसान को जीवन का मार्ग प्रदान करता है।

मैं कड़वे प्याले से पीने और सत्य को पाने के लिये कष्ट उठाने को तैयार हूँ।

मैं बिना किसी शिकायत के अपमान सह लूँगा, मैं अपना जीवन परमेश्वर की दया को चुकाने में बिताना चाहता हूँ।


2

मैं अपना प्यार और अपनी निष्ठा परमेश्वर को अर्पित कर दूँगा और परमेश्वर को महिमान्वित करने के अपने लक्ष्य को पूरा करूँगा।

मैं परमेश्वर की गवाही में डटे रहने, और शैतान के आगे कभी हार न मानने के लिये दृढ़निश्चयी हूँ।

मेरा सिर फूट सकता है, मेरा लहू बह सकता है, मगर परमेश्वर-जनों का जोश कभी ख़त्म नहीं हो सकता।

परमेश्वर के उपदेश दिल में बसते हैं, मैं दुष्ट शैतान को अपमानित करने का निश्चय करता हूँ।

पीड़ा और कठिनाइयाँ परमेश्वर द्वारा पूर्वनिर्धारित हैं। मैं मृत्युपर्यंत उसके प्रति वफादार और आज्ञाकारी रहूँगा।

मैं फिर कभी परमेश्वर के आँसू बहाने या चिंता करने का कारण नहीं बनूँगा।


3

परमेश्वर के वचन मुझे विश्वास और शक्ति देते हैं, मैं अंत तक परमेश्वर का अनुसरण दृढ़ता से करूँगा।

मैं अंतिम साँस तक परमेश्वर के सुसमाचार की घोषणा और गवाही दूँगा।

मैं दिल से परमेश्वर की स्तुति करता हूँ, और एक नया गीत और नृत्य प्रस्तुत करता हूँ।

मैं खुलकर और दिल से बोलता हूँ, मैं परमेश्वर को अपनी सच्ची निष्ठा अर्पित करता हूँ।

मेरा दिल सदा परमेश्वर के साथ रहेगा। जब परमेश्वर की महिमा का दिन आएगा,

तो हम सिंहासन के चारों ओर इकट्ठे होकर खुशी से नृत्य करेंगे, हम नए स्वर्ग और नई धरती पर अनंत विश्राम का आनंद लेंगे।

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