787 क्या तुम सचमुच परमेश्वर को समझते हो?
1 क्या तुमने परमेश्वर के साथ व्यवहार किया था? तुम उनके साथ सम्बद्ध हुए थे? क्या तुम उनके स्वभाव को जानते हो? क्या तुम्हारे पास वह है जो उन्हें पसंद है? क्या तुम तुम्हारे द्वारा की जाने वाली उन चीजों को जानते हो जो उनके स्वभाव का अपमान करती हैं? क्या तुम्हें अपने अंदर भ्रष्टाचार का ज्ञान है जिसेवे नापसंद करते हैं? क्या तुम उन लोगों को जानते हो जिन पर वे अपना धर्मी स्वभाव लाए हैं? क्या तुम जानते हो कि वे किन लोगों से घृणा करते हैं? क्या तुम जानते हैं कि तुम्हारे ऐसे कौन से मुद्दे हैं जिनसे वे सबसे अधिक घृणा करते हैं? यदि तुम्हें इस तरह किसी भी बात का कोई पता नहीं है, तो यह दर्शाता है कि तुम्हें सच में परमेश्वर की कोई समझ नहीं है।
2 आप कहते हैं कि आपने परमेश्वर को देखा है, फिर भी आप परमेश्वर के आनंद, गुस्से, दुःख और खुशी को नहीं जानते हैं, उनके स्वभाव को नहीं जानते हैं, और उनकी धार्मिकता को भी नहीं जानते हैं। आपको उनकी दयालुता की कोई समझ नहीं है, और आप नहीं जानते हैं कि वे किन चीज़ों को पसंद करते हैं और किनसे घृणा करते हैं। इसे परमेश्वर को जानना नहीं कहा जा सकता है। यदि आप उन्हें जानते हैं, उन्हें समझते हैं, उनकी कुछ इच्छाओं को समझने एवं ग्रहण करने में सक्षम हैं, तो आप सचमुच उन पर विश्वास कर सकते हैं, सचमुच में उनके प्रति समर्पित हो सकते हैं, सचमुच में उनसे प्रेम कर सकते हैं, और सचमुच में उनकी आराधना कर सकते हैं।
— "मसीह की बातचीतों के अभिलेख" में "देहधारी परमेश्वर को कैसे जानें" से रूपांतरित