104 जिनको परमेश्वर पा लेगा, वो अनंत आशीष का आनंद लेंगे
I
नही मिटाएगा परमेश्वर पूरी मानवता को,
नहीं मिटाएगा परमेश्वर इस विशाल दुनिया को।
बचा के रखेगा वो उस तीजे हिस्से को,
जीत लिया है उसने जिनको, और प्यार करते जो उसको।
वैसे ही फलदायी वो उनको कर देगा, पहले जैसे किया था इस्राएलियों को।
धरती की समृद्धि-पोषण देगा उनको।
धरती की समृद्धि-पोषण देगा उनको।
सदा-सदा वो परमेश्वर के संग रहेंगे,
कभी न फिर कोई भी उन पर दाग़ लगेंगे।
प्राप्त किया है जिन लोगों को परमेश्वर ने,
हारे जब शैतान तो वो सब साथ रहेंगे।
II
शैतानी बरबादी से जो मुक्त हुआ है,
धरती पर मानवता का वो हिस्सा,
वो सब पाएगा जो किया था परमेश्वर ने वादा उनसे,
वो सब पाएगा जो किया था परमेश्वर ने वादा उनसे।
विजित मानव बना रहेगा, और धरती पर आशीषों का आनंद लेगा।
वे शैतान पर, परमेश्वर का विजय-प्रमाण हैं।
वे शैतान पर, परमेश्वर का विजय-प्रमाण हैं।
सदा-सदा वो परमेश्वर के संग रहेंगे,
कभी न फिर कोई भी उन पर दाग़ लगेंगे।
प्राप्त किया है जिन लोगों को परमेश्वर ने,
हारे जब शैतान तो वो सब साथ रहेंगे।
III
इसमें शामिल है दुनिया की हर जाति, हर सम्प्रदाय, हर ज़बाँ के लोग,
अलग-अलग रस्मों के और रंगों के लोग।
अलग-अलग रस्मों के और रंगों के लोग।
परमेश्वर ने किया है जो उद्धार, वो उसका फल है।
परमेश्वर ने किया है जो उद्धार, वो उसका फल है,
वो उसका फल है, वो उसका फल है।
जंग के इन विजय-चिन्हों को, शैतानी पंजों से छुड़ाया परमेश्वर ने।
परमेश्वर की छ: हज़ार सालों की प्रबंधन योजना का,
वे ही एकमात्र फल हैं।
पूरे जग में फैले हुए वो। फिर से एकजुट हुए लोग।
ऐसे लोगों का समूह, शैतानी ताकत से परे है जो।
परमेश्वर ने किया है जो उद्धार, वो उसका फल है।
परमेश्वर ने किया है जो उद्धार, वो उसका फल है,
वो उसका फल है, वो उसका फल है।
"वचन देह में प्रकट होता है" से