173 उत्पीड़न से मेरा संकल्प और भी मजबूत होता है

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शैतान के पास ताकत है और वह स्वर्ग का विरोध करता है, वह विकृत, नियम-विरुद्ध और ईश्वरविहीन है।

वह मसीह से घृणा करता है और सत्य की निंदा करता है; वह क्रूरता से ईसाइयों का दमन करता है, और काले बादलधरती को ढँक लेते हैं।

मसीह का अनुसरण करना और जीवन की खोज करना अनेक खतरों और मुसीबतों से भरा कठोर मार्ग है।

हम परमेश्वर के वचनों पर संगति करने के लिए सुरक्षित रूप से कब एकत्रित हो पाएंगे, और कब छिप-छिपकर जीने से मुक्ति पाएँगे?

कब हमें अपना कर्तव्य निभाते हुए जासूसों और सादे कपड़े वाले पुलिसकर्मियों से बचना नहीं पड़ेगा?

हम गिरफ़्तारी और कारावास के भय के बिना कब सुसमाचार का प्रचार कर पाएँगे और परमेश्वर की गवाही दे पाएँगे?

ऐसा कब होगा जब पुलिस से बचते फिरते भाइयों-बहनों को भगोड़ों की तरह जीना नहीं पड़ेगा?

मेरे अंदर कई बार ऐसा क्षोभ पैदा होता है कि मैं चीखे बिना नहीं रह पाती :

यह हमें हमारी आस्था की स्वतंत्रता से वंचित क्यों करना चाहती है और सारे ईसाइयों को खत्म क्यों कर देना चाहती है?

यह दुनिया के लोगों को धोखा देने और भरमाने के लिए सच्चाई को क्यों छुपाती है?

मैं पीड़ा में, ईश्वर से विनती करती हूँ, उसकी ओर ताकती हूँ, उससे आस्था और शक्ति की प्रार्थना करती हूँ।

चाहे कितना भी उत्पीड़न हो और मुसीबतें आएँ, मैं कभी शैतान के आगे आत्म-समर्पण नहीं करूँगी।


2

जेल, यातना और पीड़ा के दौरान, परमेश्वर के वचन मेरा मार्गदर्शन करते हैं, मेरा दिल अब भयभीत नहीं होता।

मैं सत्य को समझती हूँ और शैतान के बदसूरत चेहरे को देख सकती हूँ, और मुझे बड़े लाल अजगर से और भी ज़्यादा नफरत हो गई है।

हालांकि मैं कष्ट सहती हूँ, मगर मेरा विश्वास मजबूत हुआ है। मैं जानती हूँ किससे प्रेम करना है और किससे नफरत, और मैं और भी ज्यादा महसूस करती हूँ कि परमेश्वर कितना प्यारा है।

जब मैं यातना और पीड़ा को और नहीं सह पाती, तो परमेश्वर के वचन मेरी आस्था को बल देते हैं।

जब मेरा जीवन ख़तरे में होता है, तो परमेश्वर गुप्त रूप से मेरी रक्षा करता है।

जब मैं शैतान के प्रलोभनों से घिर जाती हूँ, तो परमेश्वर के वचन मुझे हौसला और सूझबूझ देते हैं।

परमेश्वर के मेरे साथ होने से, लंबी, अंधेरी रात में मेरा दिल गर्माहट से भरा होता है।

परमेश्वर के वचनों की सुरक्षा और मार्गदर्शन से, मैं शैतान –की भयावह यातना पर विजय पाती हूँ।

मैंने परमेश्वर के वचनों के महान अधिकार और हर चीज पर उसकी प्रभुता का अनुभव किया है।

मुसीबतों में मैं परमेश्वर की मौजूदगी को महसूस करती हूँ। मेरा जिस्म भले ही यातना सहे, मगर मेरे दिल में बहुत मधुरता होती है।

परमेश्वर के वचन मेरे साथ हैं और मुझे राह दिखाते हैं, मैं अंत तक शैतान के ख़िलाफ़ अंतिम लड़ाई लड़ने के लिए अपना जीवन अर्पित करने की प्रतिज्ञा करती हूँ।

मैं परमेश्वर की जोरदार गवाही देने, और उसे महिमामंडित करने के लिए संकल्पबद्ध हूँ।

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