824 परमेश्वर द्वारा जीते जाने के बाद मनुष्य में क्या समझ होनी चाहिए

1 परमेश्वर द्वारा इंसानों पर विजय प्राप्त कर लेने के बाद, उनमें समझदारी का जो बुनियादी गुण होना चाहिए वह है अहंकार के साथ बात न करने का ध्यान रखना। उन्हें अपना रुतबा बहुत छोटा समझना चाहिए, "जमीन पर पड़े गोबर के समान," और ऐसी बातें कहनी चाहिए जो सत्य हों। विशेष रूप से परमेश्वर की गवाही देते हुए, अगर तुम कोई खोखली या बड़ी बात किए बगैर, कोई काल्पनिक झूठ बोले बगैर, अपने हृदय से कोई गहरी बात कह सकते हो, तो फिर तुम्हारा स्वभाव बदल चुका होगा, और परमेश्वर द्वारा जीत लिए जाने के बाद तुममें यही बदलाव आना चाहिए। अगर तुम इतनी भी समझदारी नहीं रख सकते हो, तो तुम्हारे अंदर एक मनुष्य जैसी कोई बात नहीं है। इसके बाद तुम्हें हमेशा उचित ढंग से व्यवहार करना चाहिए, अपनी हैसियत और स्थिति को पहचानना चाहिए, और अपने पुराने रंग-ढंग में नहीं लौटना चाहिए।

2 शैतान की छवि सबसे मुखर ढंग से मानव के अहंकार और दंभ में प्रकट होती है। अपने इस पहलू को बदले बगैर, तुम कभी भी एक मनुष्य जैसे नहीं हो सकते और हमेशा शैतान का चेहरा धारण किए रहोगे। इस विषय में मात्र ज्ञान होना पूर्ण परिवर्तन हासिल करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। तुम्हें तब भी बहुत सारे सुधारों से गुजरना होगा। बगैर किसी निपटान और काट-छांट के, दीर्घकाल में, तुम फिर भी खतरे में घिरे रहोगे। अपने पुराने रंग-ढंग में वापस लौटने से बचने के लिए, तुम्हें पहले यह पहचानना चाहिए कि तुम्हारा स्वभाव अभी बदला नहीं है, और तुममें परमेश्वर से विश्वासघात करने की प्रकृति की अभी भी गहरी जड़ें हैं। तुम अभी भी परमेश्वर से विश्वासघात करने के खतरे में हो, और तुम विनाश की निरंतर संभावना का सामना कर रहे हो।

3 दूसरी चीज यह है कि कभी भी ऐसे व्यक्ति का स्थान न लो जो परमेश्वर का साक्षी हो। तुम केवल निजी अनुभव के बारे में बात कर सकते हो। तुम इस बारे में बात कर सकते हो कि परमेश्वर ने तुम सबको कैसे बचाया, तुम इस बारे में संगति कर सकते हो कि परमेश्वर ने तुम सबको कैसे जीता और उसने तुम सब पर क्या कृपा की। यह कभी न भूलो कि तुम सबसे अधिक भ्रष्ट लोग हो। केवल परमेश्वर के माध्यम से ही तुम्हारी उन्नति हुई है। क्योंकि तुम लोग सबसे भ्रष्ट हो और सबसे अस्वच्छ हो, देहधारी परमेश्वर ने तुम्हें बचाया है और तुम पर इतनी बड़ी कृपा की है। इसलिए तुम सबमें शेखी बघारने लायक कुछ नहीं है और तुम केवल परमेश्वर की प्रशंसा कर सकते हो, और परमेश्वर का धन्यवाद कर सकते हो। तुम सबका उद्धार केवल परमेश्वर की कृपा के कारण ही है।

—वचन, खंड 3, अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन, केवल सत्य की खोज करके ही स्वभाव में बदलाव लाया जा सकता है से रूपांतरित

पिछला: 823 परमेश्वर के कर्मों को जानकर ही उसकी सच्ची गवाही दी जा सकती है

अगला: 825 परमेश्वर सिर्फ़ गवाही देने के लिए मनुष्य को प्रोत्साहित करता है

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन सत्य के अनुसरण के बारे में I न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें