833 पूर्ण किए जाने के लिए जो अपेक्षित है
1
अगर तुम ईश्वर द्वारा पूर्ण किए जाना चाहते हो,
तो तुम में देह-सुख को त्यागने की हिम्मत होगी,
तुम ईश-वचनों का पालन करोगे, निष्क्रिय और कमज़ोर नहीं होगे,
ईश्वर की हर बात का पालन करोगे।
अकेले में या सबके सामने जो कुछ तुम करते हो,
वो ईश्वर को प्रस्तुत करने योग्य होगा।
हर काम ईश्वर-प्रेमी दिल से करना
ईश्वर द्वारा पूर्ण किए जाने की आवश्यकता है।
अगर इरादे सही हैं तुम्हारे, फिर चाहे तुम सही हो या गलत,
ईश्वर के सामने लाए जा सकते हैं सारे काम तुम्हारे।
उन्हें ईश्वर को या भाई-बहनों को दिखाने में, तुम डरते नहीं हो,
तुम ईश्वर के आगे शपथ लेने का साहस रखते हो।
2
अगर तुम ईमानदार हो, सत्य पर अमल करते हो,
तो तुम पूर्ण किए जाओगे।
दोमुँहे लोग पूर्ण नहीं होना चाहते।
वे लोग नरक और तबाही के पुत्र हैं,
ईश्वर के नहीं, शैतान के हैं, उन्हें ईश्वर ने नहीं चुना है!
अगर तुम उसका न्याय स्वीकार लो, अपना स्वभाव बदल लो,
तो तुम ईश्वर द्वारा पूर्ण किए जाने के मार्ग पर होगे।
हर काम ईश्वर-प्रेमी दिल से करना
ईश्वर द्वारा पूर्ण किए जाने की आवश्यकता है।
अगर इरादे सही हैं तुम्हारे, फिर चाहे तुम सही हो या गलत,
ईश्वर के सामने लाए जा सकते हैं सारे काम तुम्हारे।
उन्हें ईश्वर को या भाई-बहनों को दिखाने में,
तुम डरते नहीं हो, तुम ईश्वर के आगे शपथ लेने का साहस रखते हो।
3
अगर तुम सचमुच ईश्वर द्वारा पूर्ण किए जाना चाहते हो,
उसकी इच्छा-पूर्ति चाहते हो, तो ईश्वर के काम का पालन करो,
कभी शिकायत या ईश्वर के काम की परख न करो।
ईश्वर द्वारा पूर्ण किए जाने की ये बुनियादी आवश्यकताएँ हैं।
हर काम ईश्वर-प्रेमी दिल से करना
ईश्वर द्वारा पूर्ण किए जाने की आवश्यकता है।
अगर इरादे सही हैं तुम्हारे, फिर चाहे तुम सही हो या गलत,
ईश्वर के सामने लाए जा सकते हैं सारे काम तुम्हारे।
उन्हें ईश्वर को या भाई-बहनों को दिखाने में, तुम डरते नहीं हो,
तुम ईश्वर के आगे शपथ लेने का साहस रखते हो। हे ईश्वर!
हर इरादा, विचार और ख़्याल
ईश्वर की मौजूदगी में जाँच किए जाने लायक हो।
अगर तुम इसी तरह से अभ्यास करो, प्रवेश करो,
तो जीवन में तेज़ी से तुम्हारी प्रगति होगी,
तो जीवन में तेज़ी से तुम्हारी प्रगति होगी।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, जो सच्चे हृदय से परमेश्वर की आज्ञा का पालन करते हैं वे निश्चित रूप से परमेश्वर द्वारा हासिल किए जाएँगे से रूपांतरित