131 परमेश्वर नए युग में नया काम लाता है
1
जब यीशु ने अपना काम शुरू किया,
तो व्यवस्था के युग की बंदिशों को, उसके मूल्यों, नियमों को तोड़ा।
उसमें इनका अंश भी न बचा;
उन्हें पूरी तरह उसने निकाल फेंका,
न इंसान से उनका पालन करने को कहा।
सब्त के दिन आराम न किया; उसने बाहर जाकर काम किया।
सभी थे हैरत में, व्यवस्था तोड़ी थी उसने,
सब्त की कैद से निकलकर, नया काम, नयी छवि अपनाई।
जब परमेश्वर नया काम शुरू करे,
नयी छवि, नए तौर तरीके इस्तेमाल कर,
खुद को इंसान के सामने उजागर करे।
यह है उसके लक्ष्यों में से एक कि इंसान उसके स्वभाव और
उसके स्वरूप के दूसरे पहलू देखे।
2
यीशु के काम ने दिखाया कि वह नया काम लाया था।
सब्त तोड़ने से शुरू किया, व्यवस्था के बाहर गया।
जब परमेश्वर ने अपना नया काम किया, उसने अतीत को किनारे किया,
व्यवस्था के युग के पुराने नियम न माने।
उसने सब्त के दिन भी आम दिन जैसे काम किये।
जब उसके शिष्यों को भूख लगी, उन्होंने मकई तोड़ कर खायी।
ईश्वर के लिए ये सामान्य था।
वो अपने काम और वचनों में नयी शुरुआत कर सके।
पीछे न देखे, नए सिरे से काम करे।
जब परमेश्वर नया काम शुरू करे,
नयी छवि, नए तौर तरीके इस्तेमाल कर,
खुद को इंसान के सामने उजागर करे।
यह है उसके लक्ष्यों में से एक कि इंसान उसके स्वभाव और
उसके स्वरूप के दूसरे पहलू देखे।
3
ईश-कार्य के हैं सिद्धान्त।
उसका नया काम पहले के काम से
ऊँचे चरण में होता है, वो इंसान को इसमें लाता है।
चूँकि वो लाया है काम का नया चरण
इसलिए पुराने वचनों और नियमों से
इंसान के चिपके रहने को वो न तो याद रखेगा, न सराहेगा।
जब परमेश्वर नया काम शुरू करे,
नयी छवि, नए तौर तरीके इस्तेमाल कर,
खुद को इंसान के सामने उजागर करे।
यह है उसके लक्ष्यों में से एक कि इंसान उसके स्वभाव और
उसके स्वरूप के दूसरे पहलू देखे।
दूसरे पहलू देखे, दूसरे पहलू देखे।
—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III से रूपांतरित