257 सभी प्राणियों का जीवन आता है परमेश्वर से
1 यद्यपि यह मार्ग और यह चक्र ठीक वह सत्य है जो परमेश्वर चाहता है कि मनुष्य देखे: कि परमेश्वर द्वारा मनुष्य को प्रदान किया गया जीवन असीम है, भौतिकता, समय या स्थान से मुक्त है। यह परमेश्वर द्वारा मनुष्य को प्रदान किया गया जीवन का रहस्य है, और प्रमाण है कि जीवन उसी से आया है। यद्यपि हो सकता है कि बहुत से लोग यह न मानें कि जीवन परमेश्वर से आया है, फिर भी मनुष्य अनिवार्य रूप से उस सभी का आनंद लेता है जो परमेश्वर से आता है, चाहे वह उसके अस्तित्व को मानता हो या उसे नकारता हो। यदि किसी दिन परमेश्वर का अचानक हृदय परिवर्तन हो जाए और दुनिया में जो कुछ भी विद्यमान है वह उस सब को पुनः प्राप्त करने और जो जीवन उसने दिया है उसे वापस लेने की इच्छा करे, तो कुछ भी नहीं रहेगा।
2 परमेश्वर अपने जीवन का उपयोग सभी जीवित और निर्जीव दोनों चीजों के भरण-पोषण के लिए करता है, अपनी शक्ति और अधिकार के कारण सभी को सुव्यवस्थित करता है। यह एक ऐसा सत्य है जिसकी किसी के द्वारा कल्पना नहीं की जा सकती है जिसे किसी के द्वारा समझा नहीं जा सकता है, और ये अबूझ सत्य परमेश्वर की जीवन शक्ति की मूल अभिव्यक्ति और प्रमाण हैं। अब मैं तुम्हें एक रहस्य बताता हूँ: परमेश्वर के जीवन की महानता और उसके जीवन की सामर्थ्य की थाह को कोई भी प्राणी नहीं पा सकता। यह अभी वैसा ही है, जैसा अतीत में था, और आने वाले समय में भी यह ऐसा ही रहेगा।
3 दूसरा रहस्य जो मैं बताऊँगा वह यह है: जीवन का स्रोत, सभी सृजित प्राणियों के लिए, चाहे वे रूप या संरचना में कितने ही भिन्न हों, परमेश्वर से आता है। चाहे तुम किसी भी प्रकार के जीवित प्राणी हो, तुम उस जीवन के पथ के विपरीत नहीं चल सकते जिसे परमेश्वर ने निर्धारित किया है। बहर हाल, मेरी इच्छा है कि मनुष्य इसे समझे: परमेश्वर की देखभाल, रख-रखाव और भरण-पोषण के बिना, मनुष्य वह सब प्राप्त नहीं कर सकता जो उसे प्राप्त करना था, चाहे वह कितनी ही मेहनत या कठिन संघर्ष क्यों न करे। परमेश्वर से जीवन की आपूर्ति के बिना, मनुष्य जीवन के मूल्य और उसकी सार्थकता के भाव को गँवा देता है।
— "वचन देह में प्रकट होता है" में "परमेश्वर मनुष्य के जीवन का स्रोत है" से रूपांतरित